Uttar Pradesh : पश्चिमी उत्तर प्रदेश (western Uttar Pradesh) में लगने वाले कार्तिक मेले को लेकर उस समय विवाद खड़ा हो गया जब यशवीर महाराज (Yashveer Maharaj) ने मेले में मुस्लिम दुकानदारों की एंट्री पर रोक लगाने और उनके बहिष्कार की मांग की। यशवीर महाराज ने मुस्लिम व्यापारियों पर “लव जिहाद”, “थूक जिहाद” और “मूत्र जिहाद” फैलाने के आरोप लगाए। इस विवादित बयान पर समाजसेवी रशीक अनवर (Social activist Rasheed Anwar) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जो लोग समाज में नफरत फैलाकर मोहब्बत को मिटाना चाहते हैं, वे ही ऐसे भड़काऊ बयान देते हैं। रशीक अनवर ने कहा कि हिंदुस्तान की पहचान गंगा-जमुनी तहज़ीब से है, जहां सदियों से हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते आए हैं। हमारे देश में ईद पर हिंदू भाई सेवइयां खाने आते हैं, और हम दीपावली पर उनके घर मिठाई खाने जाते हैं। यही हमारे देश की असली पहचान है।
रशीक अनवर ने आगे कहा कि इस्लाम एक पाक-साफ मजहब है, जो स्वच्छता और इंसानियत की शिक्षा देता है। जो धर्म यह कहता हो कि पेशाब के बाद इस्तंजा करो, वह कैसे थूक या पेशाब जिहाद फैला सकता है? यह सब गलत धारणाएं हैं जो कुछ लोग मुसलमानों के खिलाफ बना रहे हैं। समाजसेवी ने यह भी कहा कि दुकानों में अब हिंदू-मुसलमान की पहचान के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है, जो बेहद शर्मनाक है। इस तरह की बातें समाज के ताने-बाने को तोड़ देंगी और हिंदू-मुस्लिम एकता को नुकसान पहुंचाएंगी।
रशीक अनवर ने आरोप लगाया कि 2014 के बाद से समाज में नफरत फैलाने वाली प्रवृत्तियों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने का काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे ऐसे तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करें और देश में प्यार, सौहार्द और एकता का माहौल बनाए रखें। इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या धर्म और व्यापार को अलग रखना अब भी संभव है या समाज में फैलती नफरतें हमारी साझा संस्कृति पर हावी हो रही हैं।



