New Delhi : पाकिस्तान को रूसी लड़ाकू इंजन की आपूर्ति को कांग्रेस ने बताया सरकार की कूटनीतिक विफलता

0
28

नई दिल्ली : (New Delhi) कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress General Secretary Jairam Ramesh) ने भारत की कड़ी आपत्तियों के बावजूद पाकिस्तान के जेएफ-17 थंडर फाइटर जेट्स के लिए रूसी आरडी-93एमए इंजन की सप्लाई को भारत सरकार की कूटनीतिक विफलता बताया है। उन्होंने कहा कि भारत का दशकों पुराना रणनीतिक साझेदार रूस आखिर भारत की स्पष्ट आपत्तियों के बावजूद पाकिस्तान को सैन्य तकनीक क्यों मुहैया करा रहा है।

जयराम रमेश ने आज एक्स पोस्ट में कहा कि मोदी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि रूस, जो कभी भारत का सबसे भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार रहा (Russia, once India’s most trusted strategic partner) है, उसने पाकिस्तान के चीनी निर्मित जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमानों के लिए आरडी-93एमए इंजन की आपूर्ति क्यों शुरू कर दी, जबकि भारत ने इसका पुरजोर विरोध किया था।

उन्होंने कहा कि जेएफ-17 ब्लॉक-III संस्करण में चीन निर्मित पीएल-15 मिसाइलें और यही उन्नत इंजन इस्तेमाल किए जा रहे हैं। यह वही मिसाइलें हैं जिनके बारे में माना जाता है कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ उनका उपयोग किया था। यह सौदा ऐसे समय पर हो रहा है जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने जून 2025 में इस डील को रोकने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप किया था, बावजूद इसके रूस ने पाकिस्तान को इंजन सप्लाई करना जारी रखा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्यों रूस जैसा पुराना और भरोसेमंद सहयोगी अब पाकिस्तान को सैन्य सहायता दे रहा है, जबकि भारत अभी भी रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है और एसयू-57 स्टेल्थ फाइटर पर वार्ता कर रहा है।

जयराम रमेश ने इसे केंद्र सरकार की कूटनीति की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत आज तक पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने में सफल नहीं रहा है। उल्टा, पाकिस्तान को चीन और अब रूस जैसे शक्तिशाली देशों से समर्थन मिल रहा है। पाकिस्तान का सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर, जिसे पहलगाम हमले का सूत्रधार माना जाता है, आज अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेताओं से सम्मान पा रहा है। वहीं, रूस उससे रक्षा सौदे कर रहा है और चीन पहले ही खुलकर उसके साथ खड़ा है।

उल्लेखनीय है कि रूस ने भारत की आपत्तियों के बावजूद पाकिस्तान और चीन के संयुक्त जेएफ-17 प्रोग्राम के तहत आरडी-93एमए इंजन की सप्लाई शुरू कर दी है। यह इंजन जेएफ-17 के नए संस्करण में लगाया जाएगा, जो तकनीकी रूप से पहले की तुलना में कहीं ज्यादा शक्तिशाली और लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस होगा।