New Delhi : आरबीआई ने रेपो रेट 5.5 फीसदी पर रखा बरकरार, जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाया

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आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, 5.5 फीसदी पर रखा बरकरार
नई दिल्‍ली : (New Delhi)
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India’s) (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) (MPC) ने रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है। साथ ही चालू वित्‍त वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को एमपीसी की तीन दिवसीय द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद इस फैसले की जानकारी दी।

आरबीआई गवर्नर ने छह सदस्यीय एमपीस की तीन दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखने का निर्णय किया है।’’ आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि वस्‍तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) (GST) दरों में कटौती और अन्य उपायों को देखते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई 2.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पहले 3.1 फीसदी था।

आरबीआई के गवर्नर ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद बेहतर मानसून और अन्य कारणों से पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर बेहतर रही है। मल्‍होत्रा ने कहा कि अनुकूल मानसून, कम महंगाई और मौद्रिक नरमी से आर्थिक वृद्धि की संभावना मजबूत बनी हुई है। उन्‍होंने कहा क‍ि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में वास्तविक सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पहले 6.5 फीसदी था।

मल्‍होत्रा ने कहा कि जीएसटी युक्तिसंगत बनाने से मुद्रास्फीति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, उपभोग एवं वृद्धि विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि साथ ही मौद्रिक नीति रुख को तटस्थ बनाये रखा गया है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के हिसाब से नीतिगत दर में समायोजन को लेकर लचीला बना रहेगा।

उल्‍लेखनीय है कि यह लगातार दूसरी बार है जब रेपो रेट को 5.5 फीसदी यथावत रखा गया है। इससे पहले केंद्रीय बैंक इस साल फरवरी से जून तक नीतिगत दर रेपो रेट में एक फीसदी की कटौती कर चुका है। इस साल जून की मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.5 फीसदी की कटौती की गयी थी। वहीं, फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.25-0.25 फीसदी की कटौती की गई थी। लेकिन, अगस्‍त महीने की मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था।