New Delhi : क्रुपालु मेटल्स ने किया निराश, अपर सर्किट के बावजूद नुकसान में आईपीओ निवेशक

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नई दिल्ली : (New Delhi) तांबा और पीतल के शीट, पट्टी और रॉड बनाने वाली कंपनी क्रुपालु मेटल्स के शेयरों (Shares of Krupalu Metals) ने आज स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट के साथ एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को (disappointed its IPO investors by entering the stock market) निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 72 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 57.60 रुपये के स्तर पर हुई।

लिस्टिंग के बाद बिकवाली का दबाव बन जाने के कारण कंपनी के शेयर थोड़ी ही देर में गिर कर 54.72 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर आ गए। हालांकि कुछ देर बाद खरीदारी शुरू हो जाने पर कंपनी के शेयर लोअर सर्किट ब्रेक करके 60.48 रुपये के अपर सर्किट लेवल तक पहुंच गए। शेयरों पर अपर सर्किट लगने के बावजूद जबरदस्त डिस्काउंट के साथ हुई लिस्टिंग के कारण पहले दिन के कारोबार में क्रुपालु मेटल्स के आईपीओ निवेशकों को 16 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

क्रुपालु मेटल्स का 13.48 करोड़ रुपये का आईपीओ 8 से 11 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला (Krupalu Metals’ Rs 13.48 crore IPO was open for subscription between 8 and 11 September) था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 2.96 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 6.45 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 1.85 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 18.72 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपना नया प्लांट लगाने और मशीनरी की खरीदारी करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 42 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 1.55 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 2.15 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 20 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 48.50 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज में उतार चढ़ाव होता रहा।

वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 7.44 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 9.57 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 8.37 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो यह वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 16 लाख रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 1.66 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 8.37 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।