विधायक राजन नाईक की मांग पर राजस्व मंत्री ने की घोषणा
मुंबई : (Mumbai) पालघर की वसई तालुका (Vasai taluka of Palghar) के बढ़ते शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए नालासोपारा या विरार में वर्ष अंत तक अपर तहसीलदार कार्यालय शुरू किया जाएगा। यह घोषणा महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (Maharashtra Revenue Minister Chandrashekhar Bawankule) ने की। यह निर्णय भाजपा विधायक राजन नाईक की लगातार मांग और प्रयासों के बाद लिया गया है। मुंबई के सह्याद्री अतिथिगृह में राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में कोकण विभाग से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
इस बैठक में नालासोपारा के विधायक राजन नाईक (Nalasopara MLA Rajan Naik) भी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान विधायक नाईक ने वसई-विरार मनपा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं पर ध्यान आकर्षित कराया। भाजपा वसई-विरार जिला महासचिव मनोज बारोट (BJP Vasai-Virar District General Secretary Manoj Barot) ने बताया कि वर्षों से नागरिकों की यह मांग थी कि नालासोपारा व विरार क्षेत्र में तहसील कार्यालय की दूरी को देखते हुए अपर तहसीलदार कार्यालय खोला जाए।
इस विषय पर विधायक नाईक लगातार राजस्व विभाग से संपर्क बनाए हुए थे। इसे ध्यान में रखते हुए समीक्षा बैठक में मंत्री बावनकुले ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वर्ष अंत तक कार्यालय कार्यान्वित हो।विधायक नाईक ने वर्ग-2 भूमि पर बने भवनों के पुनर्विकास के लिए उसे बिना नजराना वर्ग-1 में परिवर्तित कर 7/12 दस्तावेज सोसायटी के नाम दर्ज करने की मांग की। इस पर सरकार ने जल्द ही नीति में आवश्यक बदलाव कर यह सुविधा सोसायटियों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसी तरह वर्षा ऋतु में आने वाली बाढ़ की समस्या पर नियंत्रण के लिए वसई खाड़ी से गाद निकालने के लिए जिला अधिकारी और मुंबई मेरीटाइम बोर्ड (Mumbai Maritime Board) को त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश भी बैठक में जारी किए गए।
एक अन्य निर्णय के तहत विरार (पूर्व) स्थित जिवदानी मंदिर के पायथ्य पर मौजूद शत्रु-पक्ष संबंधित जमीन (एनेमी लैंड) पर बने आवासीय परिसरों को नियमित करने के लिए विशेष नीति बनाकर सोसायटियों के नाम पर 7/12 दर्ज कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से अनुशंसा करने की जानकारी दी गई। साथ ही अनधिकृत इमारतों में रह रहे नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए उनके नाम पर 7/12 दस्तावेज दर्ज करने के लिए एक अलग नीति तैयार करने के निर्देश कोकण विभागीय आयुक्त और राजस्व अधिकारियों को दिए गए।