New Delhi : हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर की स्टॉक मार्केट में जोरदार एंट्री, मजबूत लिस्टिंग के बाद लगा अपर सर्किट

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नई दिल्ली : (New Delhi) इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मैनेजमेंट कंपनी हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट (stock market) में जोरदार एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 70 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग 117 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 115 रुपये के स्तर पर हुई। इस तरह स्टॉक मार्केट में एंट्री करने के साथ ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को करीब 67 प्रतिशत का लिस्टिंग गेन मिल गया। लिस्टिंग के बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण कुछ ही देर में कंपनी के शेयर उछल कर 122.84 रुपये के अपर सर्किट लेवल पर पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 75 प्रतिशत से अधिक का मुनाफ हो चुका है।

हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर (Highway Infrastructure) का 130 करोड़ रुपये का आईपीओ 5 से 7 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 316.64 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (Qualified Institutional Buyers) (QIB) के लिए रिजर्व पोर्शन 432.71 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (non-institutional investors) (NII) के लिए रिजर्व पोर्शन में 473.10 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 164.48 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 97.52 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 5 रुपये फेस वैल्यू वाले 46.40 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 13.80 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 21.41 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 22.40 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 5 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 504.48 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी पर कर्ज भी लगातार बढ़ा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में कंपनी का कर्ज 63.36 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में 69.62 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में कंपनी का कर्ज 71.82 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।