मुंबई : (Mumbai) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis) ने मंगलवार को मुंबई में कहा कि कोल्हापुर की मशहूर माधुरी उर्फ महादेवी हथिनी को नंदनी मठ (famous Madhuri alias Mahadevi elephant to Nandini Math) में वापस लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। इसके लिए राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। साथ ही माधुरी हाथिनी के लिए राज्य सरकार हर स्तर पर इंतजाम करेगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस आज मुंबई स्थित मंत्रालय में कोल्हापुर के शिरोल के नंदनी मठ की माधुरी हथिनी (Madhuri elephant) को नंदनी वापस लाने के लिए आयोजित की गई बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में मठ के साथ पूरी तरह से खड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी इस मामले को लेकर एक अलग पुनर्विचार याचिका दायर करेगी और हथिनी की वापसी के संबंध में अपना पक्ष उच्चतम न्यायालय में रखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हथिनी माधुरी 34 वर्षों से नंदनी मठ में है और हमारी पूरी इच्छा है कि वह वापस आ जाए। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार हथिनी की देखभाल के लिए डॉक्टरों सहित एक टीम बनाएगी और उसके बारे में उच्चतम न्यायालय को सूचित करेगी। राज्य सरकार उसकी देखभाल के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। राज्य सरकार (state government) अपनी याचिका में बचाव केंद्रों और भोजन के संबंध में भी उच्चतम न्यायालय को आश्वासन देगी।
बैठक के बाद आज पत्रकारों से राजू शेट्टी ने कहा, “हमने दस्तावेज़ों के साथ दिखाया है कि कैसे तथाकथित पशु अधिकार संगठन पेटा ने एक मनगढ़ंत मामला बनाकर सभी हाथियों को वनतारा जाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की। अगर माधुरी के शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के बारे में 8 अलग-अलग रिपोर्ट हैं, तो 48 घंटे की यात्रा करने के बाद वहाँ पहुँचने पर वह अनफिट कैसे हो गई? उसे गठिया और फ्रैक्चर कैसे हुआ? हमने मांग की है कि सरकार वनतारा से जवाब ले।”
उल्लेखनीय है कि महादेवी जिन्हें कुछ लोग ‘माधुरी’ कहते हैं, एक 36 वर्षीय हथिनी हैं जो 1992 से कोल्हापुर जिले के शिरोल तहसील के नंदनी गाँव में स्थित स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी संस्थान मठ (Swastishree Jinsen Bhattaraka Pattacharya Mahaswami Sansthan Math) में रह रही हैं। पेटा (पशु अधिकार संगठन) ने आरोप लगाया कि महादेवी का इस्तेमाल वन विभाग की अनुमति के बिना जुलूस निकालने के लिए किया जा रहा था। इसके बाद मामला अदालत में गया। दिसंबर 2024 में, बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने हाथी के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गुजरात के वनतारा पशु अभयारण्य में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। उच्चतम न्यायालय ने 29 जुलाई, 2025 को याचिका खारिज कर दी और उनके स्थानांतरण को मंज़ूरी दे दी। इसके बाद माधुरी हाथिनी को वनतारा अभयारण्य में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद कोल्हापुर वासियों की भावनाएं आहत हुई हैं और आज इस हाथी को वापस लाने के लिए कोल्हापुर जिले का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर बैठक किया था।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar), मंत्री चंद्रकांत पाटिल, गणेश नाइक, हसन मुश्रीफ, गिरीश महाजन, प्रकाश अबितकर , नंदनी मठ के प्रतिनिधि प्रकाश आवड़े, राजू शेट्टी, सतेज पाटिल, सदाभाऊ खोत, धैर्यशील माने और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।