पेरिस/स्कॉटलैंड : (Paris/Scotland) अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के (US and the European Union) बीच हुआ नया व्यापार समझौता जहां कुछ देशों के लिए राहत लेकर आया, वहीं फ्रांस ने इसे यूरोप के आत्मसमर्पण के रूप में देखा है। फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बैरू ने इस समझौते को ‘यूरोप के लिए काला दिन’ करार देते हुए कहा कि यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के आगे झुकने जैसा है।
फ्रांस्वा बैरू ने (François Barrou) सोमवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “यह एक काला दिन है जब स्वतंत्र देशों का गठबंधन, जो समान मूल्यों और साझा हितों की रक्षा के लिए बना था, आत्मसमर्पण कर देता है।” उन्होंने समझौते की आलोचना करते हुए ईयू से अपनी “एंटी-कोएरशन टूल” को सक्रिय करने की अपील की है।
फ्रांस के यूरोपीय मामलों के मंत्री बेंजामिन हद्दाद और व्यापार मंत्री लॉरां सेंट-मार्टिन ने ईयू की (French European Affairs Minister Benjamin Haddad and Trade Minister Laurent Saint-Martin) ओर से अधिक आक्रामक रुख अपनाने की मांग की है। उन्होंने फ्रांस इंटर रेडियो से कहा, “डोनाल्ड ट्रंप केवल शक्ति की भाषा समझते हैं। हमें पहले ही जवाब देना चाहिए था, जिससे समझौता अलग हो सकता था।” वहीं, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इस समझौते को “ट्रेड युद्ध को टालने वाला महत्वपूर्ण कदम” बताया, जबकि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इसे “विनाशकारी परिणामों से बचाव” के रूप में सराहा। उन्होंने इथियोपिया में एक शिखर सम्मेलन के दौरान कहा, “अमेरिका और यूरोप के बीच व्यापारिक तनाव के गंभीर वैश्विक परिणाम हो सकते थे।”
समझौते की मुख्य बातें:
समझौते के तहत अमेरिका अब यूरोपीय संघ के 70 फीसदी से अधिक निर्यातों पर 15 फीसदी तक शुल्क लगाएगा, जो पहले 4.8 प्रतिशत था। यह कदम ट्रंप द्वारा 01 अगस्त तक 30 प्रतिशशत दंडात्मक शुल्क की चेतावनी के बाद उठाया गया। समझौते में कुछ उत्पादों पर शून्य शुल्क भी तय किया गया है, जैसे- विमान पुर्जे, कुछ रसायन, अर्धचालक उपकरण और कॉर्क।