नई दिल्ली : (New Delhi) केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Rural Development and Agriculture and Farmers Welfare Minister Shivraj Singh Chouhan) ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीमा सखी योजना की ऐतिहासिक शुरुआत हुई है। यह योजना न केवल महिला सशक्तीकरण, बल्कि ग्रामीण भारत और अर्ध शहरी क्षेत्रों को आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है। केंद्र सरकार देश की प्रत्येक महिला को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए संकल्पित है।
केंद्रीय मंत्री चौहान (Union Minister Chauhan) ने बीमा सखी योजना को लेकर एक वक्तव्य में कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ”मिशन 2047 तक सभी के लिए बीमा” को साकार करने को लेकर भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन वित्तीय समावेशन पहल के अंतर्गत इस योजना के तहत देशभर की प्रशिक्षित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ‘बीमा सखी’ के रूप में ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्त किया जाएगा। बीमा सखी योजना, महिला उद्यमिता और वित्तीय आज़ादी का मजबूत माध्यम है। यह कदम प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने की हमारी प्रतिबद्धता दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से ही इस योजना की शुरुआत की गई है। ‘बीमा सखी’ बनकर महिलाएं अब उद्यमिता एवं आय के नए अवसर प्राप्त कर रही हैं, जिससे जेंडर समानता के लक्ष्यों और ‘लखपति दीदी मिशन’ को बल मिलेगा। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त तक देश में लखपति दीदियों की संख्या 2 करोड़ हो जाएगी।
मंत्री शिवराज ने कहा कि रोजगार सृजन व महिला श्रम-बल में भागीदारी के तहत स्थानीय स्तर पर ‘बीमा सखी’ योजना शहरी और ग्रामीण रोजगार में नया अध्याय जोड़ रही है। इस महत्वपूर्ण योजना में समावेशी बीमा इकोसिस्टम के अंतर्गत बीमा सखियां (Bima Sakhis) न केवल बीमा योजनाओं की पहुंच बढ़ा रही हैं, बल्कि अंतिम छोर तक विश्वास-आधारित सेवाओं का विस्तार भी कर रही हैं। सरकारी प्राथमिकताओं से तालमेल होने के साथ ही यह पहल ‘जन धन से जन सुरक्षा’, डिजिटल इंडियाल और महिला कौशल विकास जैसी योजनाओं को मजबूती प्रदान कर रही है।
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि बीमा सखी केवल बीमा की एजेंट नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की प्रणेता हैं। ‘बीमा सखियां’ गांव-गांव में वित्तीय सुरक्षा की मशाल लेकर आगे बढ़ रही हैं, जिसके परिणामस्वरुप गांव आर्थिक रूप से मजबूत और महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। अंत में शिवराज ने राज्यों और सभी भागीदार संस्थाओं से आह्वान किया कि वे इस जनांदोलन का हिस्सा बनें और ‘बीमा सखी योजना’ (‘Bima Sakhi Yojana’) को हर गांव, हर घर तक पहुंचाने में सहयोग करें।