चेन्नई : (Chennai) दिवंगत द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (Dravida Munnetra Kazhagam) (DMK) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के सबसे बड़े बेटे एम.के. मुथु (leader and former Chief Minister M. Karunanidhi’s eldest son M.K. Muthu) का शनिवार को चेन्नई में निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे।
एम. के. मुथु का खराब स्वास्थ्य के कारण चेन्नई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। सुबह लगभग 8 बजे उनका निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि के लिए एनजम्बक्कम स्थित उनके घर पर रखा गया है।
एमके मुथु का जन्म 1948 में करुणानिधि की पहली पत्नी पद्मावती (first wife Padmavati) से हुआ था। उन्होंने 1970 के दशक में तमिल सिनेमा में अभिनेता के रूप में अपनी शुरुआत की। उन्होंने ‘पिल्लैयो पिल्लई’, ‘समयालकरन’, ‘अनैयाविलक्कु’, ‘इंगेयुम मनन’ और ‘पूक्कारी’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया और जिन फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया है, उनमें कुछ गाने भी गाए हैं। उन्होंने डीएमके के मंचों पर पार्टी की नीतियों को समझाते हुए गाने भी गाए हैं।
मुथु के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Chief Minister MK Stalin) ने कहा कि उन्होंने एक ऐसा भाई खो दिया है, जो उन पर माता-पिता के समान स्नेह बरसाता था। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर जारी शोक संदेश में कहा कि आज सुबह प्यारे बड़े भाई एम.के. मुथु के निधन की खबर सुनकर मेरे ऊपर मानो बिजली गिर गई। अपने प्यारे भाई, जिसने मुझे मां और पिता के समान स्नेह दिया, को खोने का बहुत दुःख है।
स्टालिन ने आगे लिखा कि अभिनय, संवाद अदायगी और शारीरिक भाषा में उनकी एक अनूठी शैली थी। इसी प्रतिभा और उत्साह के कारण उन्होंने 1970 में फिल्म उद्योग में प्रवेश किया। अपनी पहली ही फिल्म में उन्होंने दोहरी भूमिका निभाई। पिल्लैयो पिल्लई, पुक्कारी, समयालकरन और अनैयाविलक्कु जैसी फिल्मों के माध्यम से वह तमिलनाडु के दर्शकों के दिलों में स्थायी रूप से बस गए। उनमें एक दुर्लभ विशिष्टता थी जो कई अभिनेताओं में नहीं थी। वे अपनी आवाज में मधुर गीत गाने की क्षमता रखते थे। उनके गीत आज भी कई लोगों के लिए अविस्मरणीय हैं। वे हमेशा मेरे प्रति स्नेह रखते थे। मुझे निरंतर प्रोत्साहित करते रहते थे। जब भी मैं उनसे मिलने जाता था, वे स्नेहपूर्वक पुरानी यादें साझा करना अपनी आदत बना लेते थे। भाई एम.के. मुथु (Bhai M.K. Muthu) अपने प्रेम के माध्यम से, अपनी कला और गीतों के माध्यम से लोगों के दिलों में सदैव जीवित रहेंगे। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।