भारत-पाकिस्तान में सीजफायर पर बनी सहमति

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अमेरिकी मध्यस्थता से बना युद्धविराम का रास्ता
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी पुष्टि
12 मई को फिर होगी सैन्य अधिकारियों की बातचीत

नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच शनिवार को एक बड़ा कूटनीतिक घटनाक्रम सामने आया, जब दोनों देशों ने सीजफायर यानी संघर्षविराम पर सहमति जता दी। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने शनिवार को भारतीय डीजीएमओ को फोन कर इस फैसले की जानकारी दी।

क्या है समझौते का प्रमुख बिंदु?
दोनों देशों ने तय किया है कि 10 मई की शाम 5 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में किसी भी तरह की गोलीबारी या सैन्य कार्रवाई नहीं की जाएगी। अधिकारियों को इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश भी दिया गया है। दोनों पक्षों के सैन्य अधिकारी अब 12 मई को दोपहर 12 बजे एक बार फिर बातचीत करेंगे।


ट्रंप की मध्यस्थता का असर

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह सीजफायर अमेरिका की मध्यस्थता से संभव हो सका। उन्होंने कहा कि “पूरी रात चली बातचीत के बाद दोनों देश पूर्ण संघर्षविराम पर सहमत हुए हैं।”
इस वार्ता में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, भारत के एस. जयशंकर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर शामिल थे।


जयशंकर ने भी की पुष्टि

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पुष्टि करते हुए कहा,

“भारत और पाकिस्तान ने गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई है। भारत आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ हमेशा अटल रहा है और आगे भी रहेगा।”


‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़ा था तनाव

सीजफायर की जरूरत तब महसूस की गई जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई। इसके बाद भारत ने 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया जिसमें

  • जैश-ए-मोहम्मद,
  • लश्कर-ए-तैयबा
  • और हिज्बुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी ठिकाने तबाह किए गए।
    इस कार्रवाई में भारत ने मिराज-2000, सुखोई-30 और राफेल का इस्तेमाल किया। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर है।

पाकिस्तान की बौखलाहट और जवाबी हमले

इसके जवाब में पाकिस्तान ने LOC के आसपास अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 16 निर्दोष भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से भारत के 15 शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत की S-400 और अन्य रक्षा प्रणालियों ने सभी हमलों को विफल कर दिया। भारत की जवाबी कार्रवाई से लाहौर और सियालकोट में खलबली मच गई।


संघर्ष विराम का व्यापक स्वागत

जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने भी संघर्षविराम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत ने स्पष्ट शर्त रखी कि आतंकवाद की हर कार्रवाई को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा

“भारत की नीति स्पष्ट है, हम युद्ध और आतंक में नहीं, विकास में विश्वास करते हैं।”