वाशिंगटन : (Washington) अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स सोमवार को गिर गईं, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणियों ने संभावित आर्थिक मंदी को लेकर नई चिंताओं को जन्म दिया है। दरअसल, ट्रंप ने रविवार को एक साक्षात्कार में यह कहने से इनकार कर दिया कि अमेरिका आर्थिक मंदी का सामना करेगा या नहीं। उन्होंने इसे “संक्रमण काल” करार दिया, जिससे बाजार में अनिश्चितता और बढ़ गई।
मंदी की आशंका और सरकारी रुख
बीते शुक्रवार को अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था सरकारी खर्च से निजी खर्च की ओर बढ़ रही है। उन्होंने इसे “डिटॉक्स पीरियड” बताया, जो अर्थव्यवस्था को संतुलित करने के लिए आवश्यक है।
हालांकि, बाजार विशेषज्ञ इस बदलाव को लेकर चिंतित हैं। एफएचएन फाइनेंशियल के मैक्रो रणनीतिकार विल कॉम्परनोल ने कहा, “यदि व्हाइट हाउस में बैठे व्यक्ति को खुद अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लघु अवधि के विकास पर भरोसा नहीं है, तो बाजार को क्यों होना चाहिए?”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस “डिटॉक्स” प्रक्रिया को “अल्पकालिक पीड़ा” के रूप में देख रही है, तो असली खतरा यह है कि “अगर यह प्रयोग असफल हो गया, तो सरकार के पास मंदी को रोकने के लिए आवश्यक उपाय नहीं होंगे।”
बॉन्ड मार्केट में उथल-पुथल
-10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी नोट की यील्ड 8.2 आधार अंक गिरकर 4.236% हो गई।
-2 वर्षीय ट्रेजरी नोट की यील्ड 7.3 आधार अंक गिरकर 3.929% पर आ गई।
-2 वर्षीय और 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड का अंतर एक आधार अंक बढ़कर 31 आधार अंक हो गया।
ट्रंप की व्यापार नीतियों से बढ़ी अनिश्चितता
अमेरिकी बाजार पहले से ही ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीतियों के कारण अस्थिर है। मैक्सिको, कनाडा और चीन पर लगाए गए अनिश्चितकालीन टैरिफ के कारण निवेशकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस अनिश्चितता के कारण निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ है, जिससे बॉन्ड मार्केट में अस्थिरता बढ़ी है। ट्रंप प्रशासन द्वारा टैरिफ नीति के अस्पष्ट क्रियान्वयन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि “ये शुल्क कब तक लागू रहेंगे और अर्थव्यवस्था पर इनका दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही कोई ठोस आर्थिक रणनीति नहीं अपनाई गई, तो अमेरिका को मंदी के दौर से गुजरना पड़ सकता है।