जम्मू : (Jammu) केंद्र सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी। इनमें जस्टिस वसीम सादिक नरगल, जस्टिस राजेश सेखरी और जस्टिस मोहम्मद यूसुफ वानी (Justice Wasim Sadiq Nargal, Justice Rajesh Sekhri and Justice Mohammad Yusuf Wani) हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 5 मार्च को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसके चलते आज केंद्र सरकार ने तीनों नामों को मंजूरी दी है।
जस्टिस वसीम सादिक नरगल जम्मू और कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट में सेवा दे चुके हैं। अगस्त, 2017 में हाई कोर्ट कॉलेजियम ने उन्हें जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी, जिसे अप्रैल, 2018 में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंजूरी दे दी थी। अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति 1 जून, 2022 को की गई थी और उन्होंने 3 जून, 2022 को पद की शपथ ली।
जस्टिस राजेश सेखरी ने 29 जुलाई, 2024 को हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने 1989 में जम्मू विश्वविद्यालय के विधि संकाय से एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद 1995 में मुंसिफ न्यायाधीश के रूप में न्यायिक सेवा में प्रवेश किया। 2008 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत होने से पहले उन्होंने उप न्यायाधीश और राजौरी और कारगिल में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया। उन्होंने कई न्यायिक पदों पर कार्य किया।
जस्टिस मोहम्मद यूसुफ वानी ने 1990 में अपना कानूनी करियर शुरू किया और दिसंबर, 1997 में उन्हें मुंसिफ नियुक्त किया गया। उन्हें 2000 में उप न्यायाधीश और बाद में 2008 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर विशेष न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण न्यायिक भूमिका निभाई हैं। उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति 21 मार्च, 2024 को अधिसूचित की गई थी। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 25 है और वर्तमान में यह केवल 15 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है, जिससे 10 पद खाली हैं।