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Bengaluru : बेंगलुरु में एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ का समापन

बेंगलुरु : (Bengaluru)येलहंका वायुसेना स्टेशन में तीन दिनों से चल रही एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ का बुधवार को समापन हो गया। अब 13-14 फरवरी को यह प्रदर्शनी आम दर्शकों के लिए खुल जाएगी और एयर डिस्प्ले के दौरान विमानों का फ्लाईपास्ट नजदीक से देखने का मौका मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया के 15वें संस्करण को भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि भारत अब डिफेंस इनोवेशन और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर में सिर्फ एक प्रतिभागी नहीं, बल्कि ग्लोबल लीडर के तौर पर उभर रहा है।

‘एयरो इंडिया’ के समापन समारोह में रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि एयरो इंडिया जैसी प्रदर्शनियों का भले ही भौतिक रूप से समापन हो जाए, लेकिन इसका प्रभाव कभी खत्म नहीं होता। यह रक्षा प्रदर्शनी समाप्त हो रही है, लेकिन देश-विदेश के प्रतिभागियों को एक साथ जोड़ रही है। यह प्रदर्शनी सार्वजनिक-निजी क्षेत्र के सहयोग को सुनिश्चित करके नई पीढ़ियों को प्रेरित कर रही है, जिससे मुझे लगता है कि इसका प्रभाव लंबे समय तक रहेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता की मुहिम सशस्त्र बलों की पूर्ण संतुष्टि से ही हासिल की जा सकेगी। भारत में खड़े हो रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स के प्रति हमारी सभी सेनाओं का भरोसा और अटूट विश्वास है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वदेशी रक्षा उत्पादों के प्रति हमारी सेनाओं ने अपना पूरा भरोसा दिखाते हुए जिस देश-प्रेम और देशभक्ति का परिचय दिया है, उसकी सराहना की जानी चाहिए। हमारी सेनाओं ने देश में ही निर्मित हथियारों और युद्ध से जुड़े सभी प्रकार के साजो-सामानों को दिल से अपनाया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सरकार का शुरू से प्रयत्न रहा है कि अनिश्चितताओं को दूर करके प्राइवेट सेक्टर को समान अवसर मुहैया कराया जाए। हम लगातार ऐसी नीतियां ला रहे हैं, जिससे रक्षा विनिर्माण में सिर्फ प्राइवेट सेक्टर ही आगे न बढ़े, बल्कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र मिलकर आगे बढ़ें।

एक ओर हमने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया में​ बदलाव करते हुए ज्यादा से ज्यादा ​निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की है, तो दूसरी तरफ हमने स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स को फ्रंटियर और अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने के लिए प्रेरित किया​ है।

रक्षा मंत्री​ ने कहा कि आज हमारे पास एक सशक्त डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स है। इसमें 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, 430 लाइसेंस प्राप्त कंपनि​यां और लगभग 16​ हजार एमएसएमई​ शामिल हैं। इसमें खास बात यह है किकुल रक्षा उत्पादन​ में निजी क्षेत्र​ 21​ फीसदी की भागीदारी के साथ हमारे आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है। आज हम ऐसे मोड़ पर हैं, जहां फाइटर जेट, मिसाइल सिस्टम, नौसैनिक जहाज या फिर ऐसे कई उपकरण और प्लेटफॉर्म​ न केवल हमारी सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं, बल्कि वे पूरी दुनिया के आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।​ आज छोटे तोपखाने से लेकर ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल प्रणाली तक हम दुनिया के कई देशों को निर्यात कर रहे हैं। इससे सिर्फ हमारा रक्षा निर्यात ही नहीं बढ़ रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अलग-अलग देशों के साथ हमारी नई-नई साझेदारियां भी विकसित हो रही हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से अपनी रक्षा आवश्यकताओं के लिए आयात पर प्रतिबंध लगा रहा है। लगभग एक दशक पहले की बात करें तो 65 से 70​ फीसदी तक रक्षा उपकरण हमारे देश में आयात किये जा रहे थे।​ साथ ही आज की स्थिति देखी जाए, तो ​आज लगभग इतने ही प्रतिशत​ रक्षा उपकरण आज देश के अंदर बनाए जा रहे हैं।​ आज हमा​रा देश परिवर्तन ​के क्रांतिकारी दौर गुजर रहा है। तीन दिनों से चल रहे 15​वें एयरो इंडिया प्रदर्शनी के समापन समारोह में आप सभी के बीच में मुझे बड़ी खुशी हो रही है। विश्व के प्रमुख एयर शो में से एक ​’एयरो इंडिया​’ आप सबके सहयोग से जिन ​ऊंचाइयों को छू रहा है,​ वह अद्वितीय ही नहीं, ऐतिहासिक है।

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