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Chandigarh : हरियाणा सहित चार राज्यों के वनों का होगा उद्धार

चंडीगढ़: (Chandigarh)हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला अरावली हरियाणा की शान है। यह हरियाणा सहित दिल्ली, राजस्थान व गुजरात के 1.15 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें पर्यावरण संतुलन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने मिशन लाइव पर्यावरण के लिए जीवन शैली व एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम की शुरुआत कर लोगों को पर्यावरण से जोड़ने की पहल स्वागत योग्य है। इस कड़ी में हरियाणा ने अरावली क्षेत्र में हरियाली को बढ़ाने के लिए साउदी अरब की तर्ज पर अरावली ग्रीन वाॅल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव 6 फरवरी को इस परियोजना का शुभारंभ करेंगे।

राव नरबीर सिंह ने बुधवार को कहा कि साउदी अरब एक रेगिस्तानी देश है, लेकिन वहां पर हरित पट्टियां विकसित कर हरियाली को बड़े आकर्षण ढंग से बढ़ाया गया है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने हरियाणा को अरावली ग्रीन वाॅल प्रोजेक्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। वे स्वंय ग्रीन वाॅल प्रोजेक्ट का अवलोकन करने के लिए साउदी अरब का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे नागपुर (महाराष्ट्र) के गोरेवाड़ा वन्यजीव सफारी तथा जाम नगर, गुजरात के वनतारा परियोजना का अध्ययन करने के लिए सात फरवरी से चार दिवसीय दौरे पर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के तहत हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली सहित चार राज्यों में 1.15 मिलियन हेक्टेयर से अधिक भूमि का सुधार बहु-राज्य सहयोग का एक अनुकरणीय मॉडल प्रदर्शित करना है। वनों की स्वदेशी प्रजातियों के साथ वनरोपण, जैव विविधता संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य में सुधार और भूजल पुनर्भरण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना भी है।

उन्होंने कहा कि अरावली क्षेत्र में ग्रीन वाॅल प्रोजेक्ट के साथ-साथ इस पर्वत श्रृंखला में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जंगल सफारी परियोजना के प्रस्ताव पर भी हम आगे बढ़ रहे हैं। जंगल सफारी परियोजना को अब वन एवं वन्य जीव विभाग को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसीलिए वे स्वंय विभाग के अधिकारियों के साथ परियोजना की अवधारणा का अध्ययन करने के लिए महाराष्ट्र एवं गुजरात के दौरे पर जा रहे हैं।

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