मोदी-योगी को बदनाम करने के लिए घटना को दिया गया अंजाम
महाकुम्भ नगर : (Mahakumbh Nagar) प्रयागराज महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ को लेकर कई साधु-संतों का मानना है कि यह घटना किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती है। मोदी-योगी को बदनाम करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया। इसके मद्देनजर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
अखिल भारतीय वैष्णव चतु: सम्प्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास महाराज (Srimahant Phooldol Bihari Das Maharaj) ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया। महाकुम्भ में कई स्थानों पर एकसाथ घटित घटना किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती है। श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास ने इस घटना को लेकर एक अधिकारी पर भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी के मन में साधु-संतों के प्रति सम्मान का भाव नहीं है। मोदी-योगी को बदनाम करने के लिए यह हादसा कथित तौर पर संबंधित अधिकारी ने ही करवाया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्व में भारत और सनातन का झण्डा ऊंचा कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री आदित्यनाथ सनातन का मान बढ़ा रहे हैं। इसलिए सनातन विरोधी शक्तियां को यह रास नहीं आ रहा है। मौनी अमावस्या से पहले दो दिन तक सारे पीपा पुल क्यों बंद रखे गये? इसके मद्देनजर प्रथम दृष्टया मेला प्रशासन के संबंधित अधिकारी की भूमिका भी ठीक नहीं लग रही है।
आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी जाग्रत चेतना गिरि और महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि ने भी हादसे को लेकर कई सवाल उठाए हैं। साथ ही पूरे हादसे की निष्पक्ष जांच की मांग की है। महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि ने आरोप लगाया कि पहली बार मेला प्रशासन का रवैया काफी नकरात्मक रहा। साधु-संतों का वह सम्मान नहीं करते। मुख्यमंत्री योगी संत पुरुष हैं। जैसे समुद्र मंथन के बाद हलाहल विष को स्वयं शिव ने पान कर लिया था। ठीक उसी तरह संतों ने महात्रासदी को अपने ऊपर ले लिया।
मातृशक्ति परी अखाड़ा की आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी जाग्रत चेतना गिरि ने कहा कि इस प्रकार की घटना दुखद है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाकुंभ की घटना किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती है।
हनुमानगढ़ी के संत शिवकुमार दास ने भी मेला प्रशासन के एक अधिकारी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या से पहले मेला प्रशासन के अधिकारी महाकुंभ में भव्य-दिव्य व्यवस्था के दावे कर रहे थे, लेकिन हादसे के बाद अपनी नाकामी छुपाने में लगे हैं।
सोशल मीडिया के कई यूजर्स पर एफआईआर
महाकुम्भ को बदनाम करने के लिए अफवाह और निराधार खबरें फैलाने के आरोप में मेला पुलिस ने सात सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। एसएसपी (कुंभ मेला) राजेश द्विवेदी ने बताया कि मेला कोतवाली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और उसके अनुसार कार्रवाई शुरू की जाएगी।