शिमला : (Shimla) हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्षी दल भाजपा के लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन गुरुवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी तकरार देखने को मिली। भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर और सुधीर शर्मा (BJP MLAs Bikram Singh Thakur and Sudhir Sharma) ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार की घेराबंदी की और भ्रष्टाचार को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। दूसरी ओर सत्तापक्ष के विधायक चंद्रशेखर ने पूर्व भाजपा सरकार के समय भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोपों से सदन में कुछ देर के लिए माहौल गरमा गया।
भाजपा के बिक्रम सिंह ने काम रोको प्रस्ताव पर दूसरे दिन चर्चा आरंभ करते हुए ऊना जिले के पेखुबेला में 32 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट की स्थापना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इतनी ही क्षमता का सोलर पाॅवर प्लांट गुजरात में महज 144 करोड़ रुपये में स्थापित किया गया, जबकि पेखुबेला में सरकार ने 220 करोड़ रुपये खर्च कर डाले। उन्होंने इस सोलर पाॅवर प्लांट के निर्माण में लगे ठेकेदार को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाने का आरोप भी लगाया। उन्हाेंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में बाढ़ निकासी सिस्टम, ट्रैकर और स्प्रिंकल सिस्टम बैटरी स्टोरेज सिस्टम जैसी कई खामियां हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार से हिमाचल ग्रीन एनर्जी स्टेट नहीं बन सकता।
बिक्रम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर घाटे की आड़ में पर्यटन विकास निगम की संपत्तियों को नीलाम करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर 56 होटलों में से सिर्फ 14 को ही लाभ में दिखाया। बिक्रम ठाकुर ने सचिवालय में एक सचिव स्तर के अधिकारी पर पैसा लेकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से पूछा कि इस मामले में सरकार क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में स्क्रैप माफिया के कारण स्थानीय लोग दहशत में हैं। उन्होंने मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग पार्क में भी घोटाले का आरोप लगाया और पूछा कि सरकार ने इन दोनों प्रोजेक्टों में अभी तक कौन सी चीज महंगे दामों पर बेचा है। भाजपा विधायक ने प्रदेश में खनन माफिया और फॉरेस्ट माफिया सहित कई तरह के माफिया सक्रिय होने का आरोप भी लगाया और कहा कि सरकार इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने चर्चा के दौरान विनिवेश को बढ़ावा का समर्थन किया। उन्हाेंने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार में तो इस संबंध में बाकायदा एक मंत्रालय तक खोल दिया गया था। उन्होंने सरकारी विभागों में अनावश्यक खरीद करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने और फ्यूल वुड के नाम पर लकड़ी काटने पर रोक लगाने की भी बात कही। धर्माणी ने कहा कि फ्यूल वुड के नाम पर हो रहे कटान में वन और राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी चांदी काट रहे हैं और इस कारण प्रदेश के जंगल कट रहे हैं और यह लकड़ी राज्य से बाहर जा रही है। उन्होंने पूर्व सरकार के समय नौणी विश्वविद्यालय, एनआईटी हमीरपुर और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में हुई भर्तियों की जांच करवाने की भी मांग की। धर्माणी ने राज्यपाल को सौंपे गए कच्चे चिट्ठे में लगाए गए आरोपों की जांच की भी मांग की और कहा कि झूठे आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने विपक्ष को झूठे आरोप न लगाने की भी सलाह दी।
भाजपा सदस्य सुधीर शर्मा ने समोसा प्रकरण जांच, मुर्गा विवाद और टायलेट टैक्स जैसे मुद्दों को उठाकर सरकार की घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी तरफ से मुद्दे नहीं उठा रहा, बल्कि सरकार में भ्रष्टाचार हो रहा है, इसलिए भाजपा इन मुद्दों को उठा रही है। उन्होंने कहा कि नादौन में राजेंद्र राणा, अजय ठाकुर और प्रभात चंद्र उर्फ सुभाष ठाकुर ने एचआरटीसी को जमीन बेचे जाने, क्रशर के लिए कैप्टिव यूज की अधिसूचना और राजीव सिंह द्वारा लैंड सिलिंग का उल्लंघन कर 769 कनाल जमीन ट्रांसफर करने का मुद्दा भी उठाया। उन्हाेंने कहा कि इन सभी मामलों की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ड्रग माफिया पूरी तरह से अनियंत्रित हो गया है। उन्होंने मुर्गा प्रकरण में मीडिया पर एफआईआर का विरोध किया और कहा कि सरकार ऐसा कर प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने का प्रयास कर रही है। सुधीर शर्मा ने यह भी कहा कि प्रदेश में दिवालियापन का माहौल पैदा हो गया है, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ है। इससे प्रदेश का विकास रुक गया है और प्रदेश की छवि खराब हुई है।
कांग्रेस सदस्य चंद्रशेखर ने पूर्व भाजपा के समय हुई भर्तियों में खुल्लम-खुल्ला भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा आज अपने कर्मों के फल के कारण विपक्ष में बैठी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक घोटाले की रिपोर्ट आज दिन तक नहीं आई है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय 2500 करोड़ रुपये की पाइपें खरीद ली गई, जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाइपों की यह खरीद हिमाचल के इतिहास में सबसे बड़ी खरीद है। चंद्रशेखर ने पूर्व सरकार के समय आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से हुई भर्तियों पर अपनी सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने 30 हजार भर्तियां केवल आउटसोर्स आधार पर कर दी थी। उन्होंने पूर्व सरकार पर शिमला क्लीनवेज कंपनी के माध्यम से आउटसोर्स पर भर्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया और कहा कि यह भ्रष्टाचार पूर्व मुख्यमंत्री के इशारों पर हुआ।