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Uttarakhand : देशभर में नौकरी के नाम पर साइबर ठगी करने वाला गिरोह एसटीएफ के शिकंजे में

देहरादून : (Dehradun) उत्तराखंड एसटीएफ ने देशभर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नाम पर बेरोजगार युवाओं को फर्जी जॉब ऑफर देकर ठगी करने वाले साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज, प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं।

गिरोह बेरोजगार युवाओं को आईबीएम, एचसीएल, टेक महिंद्रा और अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों में नौकरी का झांसा देकर जॉब ऑफर लेटर जारी करता था। इसके बदले प्रोसेसिंग फीस और मेडिकल परीक्षण शुल्क के नाम पर 2,500 से लेकर 30,000 रुपये तक वसूले जाते थे। युवाओं को फोन कॉल्स के जरिए ऑनलाइन इंटरव्यू के लिए तैयार किया जाता और फर्जी ऑफर लेटर भेजे जाते।

ट्रांसपोर्ट कंपनी की आड़ में चलाया जा रहा था साइबर कॉल सेंटर

देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र में सहारनपुर-देहरादून रोड पर स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी की आड़ में साइबर कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। एसटीएफ ने कार्रवाई कर मुख्य आरोपित ईश्विंदर शेरगिल (30) पुत्र आरएस गिल निवासी मकान नंबर 89 गांधी ग्राम पटेल देहरादून व उसके साथी विवेक रावत (32) पुत्र विजय सिंह रावत निवासी मढाली लैंसडाउन जनपद पौड़ी गढ़वाल वर्तमान पता आई० 8-90 जैदपुर बदरपुर नई दिल्ली को गिरफ्तार किया है। साथ ही 2 लैपटॉप, 7 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 12 एटीएम कार्ड, 7 मोबाइल फोन, 2 पासबुक और 5 चेकबुक, 4 वॉकी-टॉकी सेट बरामद किया है।

दिल्ली से खरीदते थे डाटा, दक्षिण भारत के युवाओं को जाल में फंसाता था गिरोह

गिरोह मुख्यतः दक्षिण भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता था। गिरफ्तार आरोपितों ने स्वीकार किया कि वे दिल्ली से डाटा खरीदते थे, जिसमें युवाओं की व्यक्तिगत और शैक्षणिक जानकारी शामिल होती थी। इसके जरिए युवाओं को जाल में फंसाया जाता।

मुख्य आरोपित का आपराधिक इतिहास

मुख्य आरोपी ईश्विंदर शेरगिल पहले भी साइबर ठगी के मामले में जेल जा चुका है। वह जेल से छूटने के बाद देहरादून आकर एक फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी और एनजीओ के माध्यम से ठगी का काम कर रहा था।

एसटीएफ की अपील

एसटीएफ प्रमुख नवनीत सिंह भुल्लर ने युवाओं को सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नौकरी के नाम पर किसी भी तरह की संदिग्ध कॉल या ऑफर से बचें और इस प्रकार की गतिविधियों की जानकारी 1930 हेल्पलाइन पर दें।

टीम का प्रयास

गिरोह को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने पिछले 15 दिनों से क्षेत्र में निगरानी रखी और संदिग्धों की जानकारी जुटाई। इस कार्रवाई में निरीक्षक नंदकिशोर भट्ट और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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