जयपुर : शारदीय नवरात्र की शुरुआत गुरुवार से पदम तथा बुधादित्य योग के साथ ही चित्रा नक्षत्र में होने जा रही है। इसके चलते मंदिराें और घर-घर में घटस्थापना की जाएगी। नौ दिनों तक माता रानी के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। पहले दिन घट स्थापना के साथ ही नौ दिन मां जगदम्बा के अलग-अलग रूपों की आराधना होगी। माता के श्रंगार के लिए चुनरी, प्रसाद व पूजन सामग्री की दुकानों पर लोगों की एक दिन पूर्व बुधवार को भीड़ नजर आई। वहीं मंदिरों में सजावट सहित अन्य तैयारियां अंतिम दौर में हैं। आमेर, दुर्गापुरा, झालाना व राजा पार्क सहित अन्य दुर्गा मंदिरों में कालीन बिछाने के साथ ही छाया के लिए टेंट लगाया गया है।
ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीकृष्ण चंद्र शर्मा ने बताया कि गुरुवार को घटस्थापना मुहूर्त गुरुवार सुबह 06.15 से 07.22 बजे तक,कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.46 से दोपहर 12.33 बजे तक का समय सर्वश्रेष्ठ रहेगा। उन्होंने बताया कि शास्त्रों में देवी के आह्वान, घट स्थापना और पूजन के लिए प्रातःकाल का समय सर्वश्रेष्ठ बताया है। नवरात्र के पहले दिन चित्रा नक्षत्र तथा वैधृति योग का संयोग बनने पर शास्त्रों में अभिजीत मुहूर्त के समय घट स्थापना का प्रावधान है।
इधर आमेर स्थित शिला माता मंदिर में अभिजीत मुहूर्त में गुरुवार सुबह 6.35 बजे घट स्थापना होगी। इसके बाद सुबह 7.35 बजे से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। 9 अक्टूबर को आमेर में छठ का मेला भरेगा। 10 अक्टूबर को रात 10 बजे निशा पूजा होगी। 11 अक्टूबर को शाम 4.39 बजे पूर्णाहुति होगी। 13 अक्टूबर को सुबह 10.30 बजे उत्थापना होगी।
पुजारी बनवारी शर्मा ने बताया कि महिला-पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग लाइन बनाई गई हैं। भक्त 11 अक्टूबर से प्रतिदिन सुबह 6 से दोपहर 12.30 और शाम 4 से 8.30 बजे तक शिला माता के दर्शन कर सकेंगे।
यहां भी विशेष आयोजन
राजापार्क पंचवटी सर्किल स्थित वैष्णों माता मंदिर, ब्रह्मपुरी स्थित काली माता मंदिर, सूरजपोल बाजार स्थित रुद्रघंटेश्वरी माता, आमागढ़ स्थित अंबा माता, झालाना स्थित वैष्णोदेवी मंदिर, काली माता मंदिर, आमेर स्थित मनसा माता मंदिर, माता मावलियान, दिल्ली रोड स्थित राजराजेश्वरी मंदिर में भी घट स्थापना के बाद नौ दिन विशेष आराधना होगी।