सेबी चेयरपर्सन पर लगे आरोपों के बाद हो रही है अकाउंट्स की जांच
नई दिल्ली : (New Delhi) संसद की लोक लेखा समिति (Parliament’s Public Accounts Committee) (पीएसी) मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के अकाउंट्स की जांच करेगी। इस जांच के दौरान पीएसी वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के सेबी के अकाउंट्स की समीक्षा करेगी। माना जा रहा है कि पीएसी जांच के दौरान सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच को भी बुला सकती है।
पीएसी पहली बार सेबी के अकाउंट्स की जांच करने वाली है। अहम बात ये है पीएसी द्वारा ये जांच ऐसे वक्त पर होने वाली है, जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने भी सेबी चेयरपर्सन पर अलग-अलग आरोप लगाए हैं। सेबी के एकाउंट्स की जांच करने वाली पीएसी के अध्यक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल हैं।
पीएसी का काम सरकार के रेवेन्यू और एक्सपेंडिचर की जांच करना तथा पब्लिक फाइनेंस में अकाउंटिबिलिटी को सुनिश्चित करना है। पीएसी ने इसके पहले कभी मार्केट रेगुलेटर सेबी के अकाउंट्स की जांच नहीं की है, लेकिन अभी पीएसी की ओर से सेबी से सभी संबंधित डेटा मांगे गए हैं। सेबी से जो जानकारी मांगी गई है, उनमें सेबी की रिसीट्स और पेमेंट्स, सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट और सेबी की इंटरनल कमेटी के ऑब्जर्वेशन भी शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि पीएसी की अगस्त के आखिरी सप्ताह में हुई मीटिंग के एजेंडे में सेबी के एकाउंट्स की जांच की बात भी शामिल की गई थी। जानकारों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर पीएसी की अगली मीटिंग में मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच को भी बुलाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी की बोर्ड मीटिंग भी 30 सितंबर को होने वाली है। इस मीटिंग में भी माधवी पुरी बुच पर लगाए गए आरोपों को लेकर चर्चा की जा सकती है। हिंडनबर्ग रिसर्च और कांग्रेस द्वारा माधवी पुरी पर लगाए गए आरोपों के बाद सेबी के बोर्ड की ये पहली मीटिंग होने वाली है। हिंडनबर्ग ने माधवी पुरी पर आरोप लगाया था कि उनके इशारे पर सेबी ने अडाणी मामले की जांच में निष्पक्षता नहीं दिखाई थी।