नई दिल्ली : केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत का तकनीकी कपड़ा उद्योग 2030 के लिए निर्धारित 10 अरब डॉलर के लक्ष्य को पार कर जाएगा। कपड़ा मंत्रालय और फिक्की ने ‘विकसित भारत- सतत वृद्धि और विकास के लिए तकनीकी कपड़ा’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन समारोह में संबोधित करते हुए गिरीराज सिंह ने वैश्विक और घरेलू दोनों स्तरों पर जीवन के सभी क्षेत्रों में मानव निर्मित फाइबर और तकनीकी वस्त्रों की बढ़ती खपत और महत्व पर जोर दिया। इस मौके पर कपड़ा मंत्री ने राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन का सार-संग्रह भी लॉन्च किया और एनटीटीएम के तहत 11 अनुमोदित स्टार्ट-अप को पुष्टिकरण प्रमाणपत्र भी प्रदान किए।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार तकनीकी कपड़ा उद्योग के विकास के लिए पूरी तरह से समर्पित है। इस दिशा में सरकार ने राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन, एमएमएफ फैब्रिक, परिधान और तकनीकी कपड़ा के लिए पीएलआई योजना शुरू करने जैसे कई कदम उठाए हैं। एनटीटीएम मिशन के तहत की गई प्रमुख पहलों पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कार्बन फाइबर के विकास और तकनीकी वस्त्रों के विभिन्न क्षेत्रों के तहत स्टार्ट-अप को समर्थन सहित 156 अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
इस मौके पर केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री, पाबित्रा मार्गेरिटा ने कहा कि देश तकनीकी कपड़ा सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई राज्य सरकारों ने तकनीकी कपड़ा उद्योग में एफडीआई सहित निवेश को बढ़ावा देने के लिए पहल की है और अन्य राज्यों से भी ऐसा करने का आग्रह किया है। इस अवसर पर कपड़ा मंत्रालय की सचिव रचना शाह ने विकसित भारत में तकनीकी वस्त्रों की भूमिका पर जोर दिया। तकनीकी वस्त्रों में बड़े बाजार के अवसर पर प्रकाश डालते हुए रचना शाह ने कहा कि तकनीकी वस्त्रों का वैश्विक व्यापार लगभग 300 अरब डॉलर का है, जबकि भारत के घरेलू बाजार का आकार 2.6 अरब डॉलर के निर्यात के साथ 25 अरब डॉलर है।