काठमांडू : नेपाल में चीन के राजदूत छेन सोंग के यूएस दावे का नेपाल सरकार ने खंडन किया है जिसमें उन्होंने नेपाल के विकास परियोजना में किए जा रहे सहयोग को बीआरआई के अंतर्गत होने का दावा किया था।
नेपाल सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया को ब्रीफ करते हुए यह जानकारी दी है कि चीन के राजदूत के दावे में कोई सच्चाई नहीं है। हाल ही में कुछ सड़कों सहित अन्य भौतिक पूर्वाधार निर्माण को लेकर दोनों देशों के बीच हुए समझौते का बीआरआई से कोई लेना देना नहीं है।
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता महेश भट्टराई ने मीडिया द्वारा इस संबंध में किए गए सवाल का जवाब ई-मेल में भेजते हुए कहा है कि नेपाल और चीन के बीच अब तक बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर ही नहीं हुआ है। ऐसे में कोई भी परियोजना कैसे बीआरआई के तहत हो सकता है। उन्होंने कहा कि नेपाल और चीन के बीच कुछ राजमार्ग और अन्य भौतिक पूर्वाधार निर्माण के लिए चीनी सहयोग लेने को लेकर जिस समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है उसमें कहीं भी बीआरआई शब्द उल्लेख नहीं किया गया है।
हाल ही में चीन की आर्थिक सहयोग करने वाली संस्था के प्रमुख और नेपाल के वित्त मंत्रालय के सचिव के बीच काठमांडू के रिंगरोड निर्माण के दूसरे चरण का निर्माण कार्य, हिलसा सिमकोट रोड के स्तरोन्नति का कार्य, अरनिको राजमार्ग के स्तरोन्नति का काम तथा कोरोला सीमा नाका पर संयुक्त जांच चौकी और ड्राइपोर्ट निर्माण को लेकर समझदारी पत्र पर हस्ताक्षर किया गया था जिसको चीनी राजदूत ने इन सभी सहयोग को बीआरआई के तहत होने का दावा किया था।