Mumbai : सचिन वाझे ने अनिल देशमुख और जयंत पाटिल पर रंगदारी वसूलने का आरोप लगाया

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मुंबई : (Mumbai) निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे (Suspended police officer Sachin Waze) ने गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Home Minister Devendra Fadnavis) को पत्र लिखकर पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और राकांपा (एसपी) के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल (former Home Minister Anil Deshmukh and NCP (SP) Maharashtra state president Jayant Patil) पर रंगदारी वसूलने का आरोप लगाया है। सचिन वाझे ने कहा कि रंगदारी वसूली का पैसा वह खुद अनिल देशमुख और जयंत पाटिल के पीए तक पहुंचाता था। वाझे ने यह भी कहा कि अगर सरकार इस मामले का नार्को टेस्ट करवाती है तो वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।

सचिन वाझे ने ये बातें मीडिया के साथ उस वक्त साझा कीं, जब उसे जेजे अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया। इसके बाद इसे लेकर राजनीति गर्मा गई है। पूर्व रेल राज्य मंत्री राव साहेब दानवे ने कहा कि इस मामले की छानबीन की जानी चाहिए कि आखिर वसूली का पैसा कहां-कहां तक पहुंचा है। यह कोई सामान्य बात नहीं है। वाझे के आरोप गंभीर हैं।

पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इससे पहले वाझे ने 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाया था। उस समय कोर्ट ने कहा था कि आरोपित के वक्तव्य पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। अनिल देशमुख ने कहा कि सचिन वाझे से गृहमंत्री फडणवीस झूठा बयान दिलवा रहे हैं और यह सब फडणवीस की ही नई चाल है।

शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राऊत ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की राजनीति को निचले स्तर पर ला दिया है। कल मैं भी जेल में बंद कई आरोपितों को खड़ा कर कहवा सकता हूं कि देवेंद्र फडणवीस ने उनसे वसूली करवाई और पैसे लिये। इसलिए सचिन वाझे के आरोपों का कोई महत्व नहीं है। संजय राऊत ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा है, इसलिए भाजपा अब क्रिमिनल्स का सहारा विधानसभा चुनाव के लिए ले रही है।

उल्लेखनीय है कि सचिन वाझे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित अंटिलिया बंगले के पास जिलेटिन बम रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उस पर एक व्यापारी की हत्या का भी आरोप है । इस मामले में तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूलने का आदेश देने का आरोप लगाया था। इसी आरोप के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इस आरोप की छानबीन मुंबई पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने किया था ।

परमवीर सिंह ने जांच एजेंसियों को बताया था कि उनके पास कोई सबूत नहीं हैं, उन्होंने सुनी सुनाई बात के आधार पर आरोप लगाया था। जब मामले की छानबीन चल रही थी, उस समय जेल में बंद सचिन वाझे ने भी मुंबई के होटलों से 100 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूलकर अनिल देशमुख के पीए को देने का आरोप लगाया था। हालांकि, कोर्ट ने उनके आरोपों को मानने से मना कर दिया था। अनिल देशमुख को जमानत मिल गई है। पिछले सप्ताह अनिल देशमुख ने कहा था कि जब वे जेल में थे, उस समय गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने समित कदम नामक व्यक्ति को भेजकर उन्हें कहा था कि वे उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, अजीत पवार और पार्थ पवार पर झूठा आरोप लगाएं, जिससे इन सबको गिरफ्तार किया जाए । इसके बाद उन्हें ईडी छोड़ देगा। अनिल देशमुख ने कहा कि मैंने ऐसा नहीं किया, इसलिए ईडी की कार्रवाई की गई थी। अनिल देशमुख के इस वक्तव्य के एक सप्ताह बाद सचिन वाझे ने अपना पुराना आरोप फिर से नए तरीके से लगाते हुए देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा है। हालांकि, इस पत्र पर गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।