नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के तीन आरोपितों को जमानत दे दी, जबकि एक आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट के जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने शोएब आलम, गुलफाम और जावेद को जमानत देते हुए नाजिम की जमानत याचिका खारिज कर दी।
आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के पिता रविंद्र कुमार ने 26 फरवरी, 2020 को दयालपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट में दर्ज कराई कि उनका बेटा 25 फरवरी को अपने दफ्तर से लौट कर शाम को कुछ सामान खरीदने गया था। जब अंकित शर्मा बहुत देर तक नहीं आए तो कई जगह खोजा और अस्पतालों में भी गए। इस बीच कुछ लड़कों ने बताया कि एक लड़के को मार कर खजूरी खास नाले में फेंक दिया गया है। उसी नाले से अंकित शर्मा का शव निकाला गया।
जांच के दौरान पुलिस ने अंकित शर्मा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया था कि उनके शरीर पर धारदार और भोथरे हथियारों से 51 वार किए गए थे। उसके बाद इस केस की जांच 28 फरवरी, 2020 को क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई। आगे की जांच में मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन के घर और उसके आसपास के इलाकों में मलबा, पत्थर, ईंट, टूटी बोतलें, बुलेट और कुछ जली हुई चीजें मिलीं। ताहिर हुसैन के मकान का इस्तेमाल दंगाइयों ने ईंट और पत्थरबाजी करने के लिए किया था। ताहिर हुसैन के घर की तीसरी मंजिल की छत पर गुलेल, पत्थर, पेट्रोल की बोतलें मिली थीं।