भारत के लिए अधिक सुरक्षित होगा डिजिटल भविष्य
कानपुर : भारत में मेक इन इंडिया डेटा सुरक्षा और डेटा गोपनीयता सशक्त हो, इस पर कानपुर आईआईटी के प्रो. देबप्रिया बसु रॉय ने अच्छी पहल की है। उनकी पहल से भारतीय डीप-टेक स्टार्टअप सी-एचईआरडी और जेआईएसए सॉफ्टेक के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। इसके तहत हार्डवेयर सुरक्षा मॉड्यूल विकसित किये जाएंगे और भारत के लिए अधिक सुरक्षित डिजिटल भविष्य होगा।
हार्डवेयर सुरक्षा प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी कानपुर के कम्प्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर देबप्रिया बसु रॉय के सहयोग से एक भारतीय डीप-टेक स्टार्टअप सी-एचईआरडी और जेआईएसए सॉफ्टेक के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू पर हस्ताक्षर हार्डवेयर सुरक्षा प्रौद्योगिकी में देश की क्षमताओं को आगे बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता को उजागर करता है और सुरक्षा चिप विकास में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जेआईएसए पहली भारतीय कम्पनी होगी जो बेयर मेटल से एप्लिकेशन तक सम्पूर्ण एचएसएम (हार्डवेयर सिक्योरिटी मॉड्यूल) टेक्नोलॉजी स्टैक का निर्माण करेगी, जो मौजूदा और पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफ़िक क्षमताओं दोनों का समर्थन करेगी।
प्रो. बसु रॉय ने बताया कि जेआईएसए के साथ सहयोग यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय प्रौद्योगिकी उन्नत समाधानों के साथ डेटा और गोपनीयता की सुरक्षा में वैश्विक नवाचार में सबसे आगे खड़ी हो। यह साझेदारी इनोवेटिव मेड इन इंडिया डेटा सुरक्षा समाधान बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह साझेदारी भारत के लिए अधिक सुरक्षित डिजिटल भविष्य और एक मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचे के लिए उन्नत एचएसएम तकनीक विकसित करेगी।
जेआईएसए सॉफ्टेक की सीईओ ईशा ओसवाल ने कहा हमारे उन्नत एचएसएम न केवल डिजिटल विश्वास बढ़ाने का वादा करते हैं, बल्कि डेटा सुरक्षा के लिए मानक भी बढ़ाते हैं। इस प्रकार सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित होगा।