छतरपुर : निर्वाना फाउण्डेशन संस्था जो कि लगभग सात वर्षों से अनाथ, गऱीब, बेसहारा, लावारिस, प्रताडि़त, मानसिक कमज़ोर, अभावग्रस्त, दिव्यांग बच्चों, महिलाओं और वृद्धजनों के लिये छतरपुर में बिना किसी शासकीय अनुदान के आश्रय गृह का सफल संचालन कर रही है। इसी क्रम में 9 मार्च 2024 की रात लगभग 8 बजे बमीठा थाना द्वारा एक लावारिस मानसिक विक्षिप्त बालिका, जो कि अपना नाम राधा तिवारी बता रही थी, उम्र लगभग 15-16 वर्ष को बाल कल्याण समिति, छतरपुर के आदेश पर आश्रय हेतु निर्वाना फाउण्डेशन संस्था में लाया गया था।
पुलिस के बताए अनुसार इस बालिका की सूचना बागेश्वर धाम के स्थानीय लोगों द्वारा थाना बमीठा को दी गयी थी, जानकारी मिलने के बाद थाना बमीठा द्वारा राधा तिवारी को बागेश्वर धाम के हलिपैड के पास की झाडिय़ों में से शाम के लगभग 6 बजे बरामद किया गया था और वह शायद बागेश्वर धाम में अपने परिवारजनो से बिछड़ गयी थी। बहुत पूछताछ करने के बाद भी राधा को अपने नाम के अलावा और कुछ भी याद नहीं था। कुछ दिन बाद बहुत पूछने पर राधा ने बताया कि वह रीवाकी रहने वाली है और उसके गाँव का नाम मकर्वत है।
15 मार्च 2024 की शाम को थाना बमीठा से फ़ोन आया कि राधा तिवारी के परिवार वाले उसे खोजते खोजते थाना में आये है और जब उन्हें यह पता चला की राधा निर्वाना फाउण्डेशन संस्था छतरपुर में सुरक्षित रह रही है, तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। राधा की बड़ी बहन सुमन तिवारी, भांजी रीना मिश्रा, चचेरे बड़े भाई विष्णु प्रसाद तिवारी, भतीजा प्रांशु तिवारी आदि सभी लोग राधा को घर पर ले जाने के लिए रात में ही निर्वाना फाउण्डेशन संस्था चले आये। राधा के परिजनों ने निर्वाना फाउण्डेशन संस्था का आभार व्यक्त किया। कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद राधा को उसके परिजनों को सौंप दिया गया।