देहरादून : उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर पुलिस ने रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी के साथ हुई लाखों की साइबर ठगी में एक और अभियुक्त को इटावा, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया अभियुक्त पेशे से ट्रक चालक है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि विगत वर्ष माह अक्टूबर में साइबर ठगी का एक प्रकरण कोतवाली हल्द्वानी जनपद नैनीताल में दर्ज किया गया था, जिसमें रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी स्वयं के साथ 10,50,400 रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उनके साथ साइबर ठग की ओर से ट्रेजरी आफिसर बनकर रिटायरमेंट पर प्राप्त होने वाले फण्ड आदि की जानकारी लेकर मोबाइल पर लिंक भेजकर धोखाधड़ी से उपरोक्त धनराशि आहरित कर ली गयी थी।
विवेचना के दौरान मुख्य आरोपित अभिषेक शॉ पुत्र अरुण शॉ निवासी कोलकाता को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, लेकिन इसी मामले में एक अन्य वांछित अभियुक्त के लिए एसटीएफ काफी समय से भिन्न भिन्न राज्यों में दबिशें दे रही थी। आरोपित पुलिस को चकमा देकर समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलता रहता था। साइबर पुलिस टीम की ओर से अथक प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य एकत्रित कर वांछित अभियुक्त विशाल सिंह पुत्र रनवीर सिंह को जनपद इटावा, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़ा गया अभियुक्त पेशे से ट्रक चालक है।
अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वे अपने साथी अभिषेक शॉ के साथ मिलकर फर्जी ट्रेजरी अधिकारी बनकर सरकारी नौकरी से रिटायर्ड कर्मियों से उनके फण्ड, ग्रेच्युटी आदि की रकम को उनके बैंक खातों में स्थानान्तरित करने के नाम पर लिंक भेजकर उनके खातों से लाखों रुपये की धोखाधडुी की गई है। धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त किया गया है। उक्त कार्य के लिए फर्जी सिम, सोशल मीडिया प्रोफाइल और फर्जी खातों का प्रयोग कर ठगी की जाती है। साइबर ठग की ओर से देश में अन्य लोगों के साथ भी साइबर ठगी को अंजाम देने की आशंका है। इसकी जानकारी अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर की जा रही है। कई बैंकों के डेबिट कार्ड एवं क्रेडिट कार्ड पासबुक और मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है।