New Delhi : भारत एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बनने की दिशा में बढ़ रहा है आगे : बिरला

0
298

India is moving towards becoming a major space power: Birla

नई दिल्ली : लोक सभा में गुरुवार को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की अन्य उपलब्धियों को लेकर चर्चा हुई। इस अवसर पर सत्र की अध्यक्षता करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की इस शानदार उपलब्धि पर देशवासियों को बधाई दी। इस दौरान बिरला ने कहा कि इन उपलब्धियों से प्रत्येक भारतीय गौरवान्वित हुआ है और वैश्विक स्तर पर हमारे देश का कद बढ़ा है।

23 अगस्त, 2023 के ऐतिहासिक दिन का उल्लेख करते हुए बिरला ने इस तथ्य की सराहना की कि उस दिन भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बनकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन की सफलता भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की अथक प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो ब्रह्मांड के सुदूरतम क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए लगातार प्रयास करते आए हैं । बिरला ने यह भी कहा कि प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा से जो अमूल्य जानकारी भेजी है, उससे अंतरिक्ष के बारे में मानव ज्ञान में वृद्धि होगी और भावी खोजों का मार्ग प्रशस्त होगा।

23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” के रूप में मनाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि यह एक ऐसा दिन होगा, जो आने वाली पीढ़ियों को जीवन में उच्च लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। चंद्रमा पर चंद्रयान-2 के पदचिह्न का नाम ”तिरंगा प्वाइंट” और चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का नाम ”शिव शक्ति प्वाइंट” रखने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि ये नाम भारत की सदियों पुरानी विरासत के प्रति सम्मान के साथ ही हमारी वैज्ञानिक महत्वाकांक्षाओं और प्रयासों के प्रतीक भी हैं ।

बिरला ने कहा कि चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1, सफल अंतरिक्ष कार्यक्रम होने के साथ ही, भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी शक्ति और लोगों की प्रतिभा और क्षमता के उदय के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों मिशनों में बड़ी संख्या में महिला वैज्ञानिकों ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया, जो नए भारत के निर्माण में महिलाओं के योगदान को दर्शाता है। सभा को यह सूचित करते हुए कि दोनों मिशन पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित किए गए हैं, बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि जो बात भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को दूसरों से अलग करती है, वह सभी परियोजनाओं की कम लागत है। इससे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती क्षमताओं के साथ-साथ भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा का परिचय भी मिलता है।