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Washington: बयानों से अटकलें: ट्रंप के साथ उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकते हैं भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी

वाशिंगटन: (Washington) अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नए-नए समीकरण बन रहे हैं। राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से दावेदारी कर रहे भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी को लेकर भी दावा किया जा रहा है कि वे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकते हैं। ये अटकलें रामास्वामी और ट्रंप की टीम के बयानों से जन्मी हैं और इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गयी हैं।

भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी जोरदार तरीके से रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का दावा पेश कर रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी के अन्य दावेदारों के साथ बीते बुधवार को हुई पहली बहस के बाद विवेक रामास्वामी की लोकप्रियता भी लगातार बढ़ रही है। इसके बावजूद विवेक रामास्वामी के एक बयान को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि वे अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने की स्थिति में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बन सकते हैं।

दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान विवेक रामास्वामी ने कहा कि वह बतौर राष्ट्रपति ही देश को एकजुट कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने ट्रंप के सहयोगी के रूप में उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने से भी इनकार नहीं किया। दरअसल जब इस बारे में रामास्वामी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘यह मेरे बारे में नहीं है, अगर यह मेरे बारे में है तो मेरी उम्र के व्यक्ति के लिए यह पद भी शानदार होगा। यह हमारे देश को फिर से रिवाइव करने के बारे में है और मैं ये तभी कर सकता हूं, जब मुझे इसे व्हाइट हाउस से बतौर शीर्ष नेता बनने का मौका मिले।’

ट्रंप के साथ रामास्वामी के संयुक्त टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि ट्रंप की चुनाव प्रचार टीम ने भी रिपब्लिकन पार्टी की बीते बुधवार को हुई पहली डिबेट के बाद रामास्वामी की तारीफ की है। इस डिबेट के बाद रामास्वामी की लोकप्रियता में उछाल आया है और उन्हें मिलने वाले चंदे में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि पहले रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद के अलावा कोई अन्य पद लेने से मना कर दिया था और कहा था कि वह सिर्फ बतौर राष्ट्रपति ही इस देश को बदल सकते हैं।

यदि रामास्वामी ट्रंप के साथ संयुक्त टिकट पर अमेरिका के उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वह इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे सबसे युवा नेता होंगे। इससे पहले साल 1857-1861 के दौरान जॉन बुचनन की सरकार में जॉन ब्रेकिनरिज सिर्फ 36 साल की उम्र में अमेरिका के उपराष्ट्रपति रहे थे। विवेक रामास्वामी अभी 38 साल के हैं।

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