नई दिल्ली:(New Delhi) सुप्रीम कोर्ट आज दोपहर दो बजे ईडी निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा।जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच फैसला सुनाएगी। बेंच ने आठ मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था । इस सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं। उनके निहित स्वार्थ हैं। इसलिए याचिका खारिज की जानी चाहिए। इन नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
इस पर जस्टिस गवई ने कहा था कि आप दलीलें मत दोहराएं। कोर्ट ने 2021 में ही कहा था कि असाधारण परिस्थितियों में ही कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि 2021 के बाद संजय मिश्रा का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह राजनीतिक प्लेटफार्म नहीं है कि आप याचिकाकर्ताओं के राजनीतिक जुड़ाव की चर्चा कर रहे हैं।
वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा था कि इस तरह का सेवा विस्तार देने से जांच एजेंसियों के प्रमुखों की ओर से की जानेवाली जांच स्वतंत्र नहीं हो सकती है। ऐसे में सेवा विस्तार के लिए किए गए संशोधन को निरस्त किया जाना चाहिए। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने गोपाल शंकरनारायण की दलीलों का समर्थन करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने संशोधन के जरिये प्रोबेशन की तरह की स्थिति तैयार की है। जांच एजेंसी के निदेशक को सरकार की इच्छा के मुताबिक काम करने को मजबूर किया जा रहा है और तभी उन्हें सेवा विस्तार दिया जा रहा है। इससे जांच एजेंसियों की स्वतंत्रता प्रभावित होती है।
एमिकस क्यूरी केवी विश्वनाथन ने भी सेवा विस्तार को गैरकानूनी बताते हुए कहा था कि लोग आएंगे और जाएंगे लेकिन संस्थान जीवित रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईडी के प्रमुख का सेवा विस्तार बढ़ाने के लिए सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट में 2021 में किया गया संशोधन पूरे तरीके से गैरकानूनी है। उन्होंने विनीत नारायण, प्रकाश सिंह द्वितीय , कॉमन कॉज प्रथम और कॉमन कॉज द्वितीय के फैसलों का उदाहरण दिया था।
यह याचिका कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, जया ठाकुर, तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने दायर की हैं। याचिकाओं में कहा गया है कि संजय मिश्रा को ईडी निदेशक के रूप में तीसरी बार कार्यकाल बढ़ाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। 17 नवंबर 2022 को मिश्रा को फिर एक साल का सेवा विस्तार दे दिया गया है।
महत्वपूर्ण यह है कि आठ सितंबर 2021 को जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने ईडी निदेशक संजय मिश्रा को मिले नवंबर 2021 तक के सेवा विस्तार को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ईडी निदेशक को नवंबर 2021 के बाद आगे सेवा विस्तार न दिया जाए। इसके बाद केंद्र ने नवंबर 2021 में एक अध्यादेश के जरिए ईडी और सीबीआई के निदेशक का कार्यकाल पांच साल तक रहने की व्यवस्था बनाई है। इसी के तहत ईडी निदेशक मिश्रा का कार्यकाल 18 नवम्बर 2022 तक बढ़ा दिया गया था।