नई दिल्ली: (New Delhi) एयरलाइंस कंपनी गो फर्स्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया है। इस बीच पट्टेदारों ने कंपनी के विमानों का पंजीकरण रद्द करना शुरू कर दिया है।कंपनी ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि वरिष्ठ अधिवक्ता पी नागेश ने प्रांजल किशोर के साथ रामलिंगम सुधाकर की अध्यक्षता वाली न्यायाधिकरण की प्रधान पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया है। गो फर्स्ट ने न्यायाधिकरण से अनुरोध किया गया है कि उसकी याचिका पर जल्द फैसला किया जाए, क्योंकि पट्टेदारों ने एयरलाइन के विमान का पंजीकरण रद्द करना शुरू कर दिया है।
एनसीएलटी की पीठ ने गो फर्स्ट के अनुरोध पर विचार करने की बात कही है। इस बीच वाडिया समूह की एयलाइन कंपनी ने स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका दायर करने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से संपर्क किया है। दरअसल, पट्टेदारों ने 20 से अधिक विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है। गौरतलब है कि गो फर्स्ट पिछले 17 साल से उड़ान भर रही है। कंपनी ने 15 मई तक टिकटों की बिक्री को निलंबित कर दी है।