New Delhi: साइबर ‘हॉटस्पॉट’ चिह्नित किये जाएं, साइबर अपराधों के आंकड़ों का विवरण रखा जाए: संसदीय समिति

0
110
New Delhi

नयी दिल्ली:(New Delhi) संसद की एक समिति (a committee of parliament) ने सिफारिश की है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्य सरकारों को उनके प्रदेश में ‘साइबर हॉटस्पॉट’ का पता लगाने और उन क्षेत्रों में हो रहे साइबर अपराधों पर आंकड़ों का विवरण रखने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सदस्य बृजलाल की अध्यक्षता वाली गृह मामलों संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने कहा कि उसका मानना है कि देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी में बढ़ोतरी के बावजूद अनेक राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में ऐसी बड़ी आबादी हो सकती है जो विभिन्न कारणों से इंटरनेट तक बहुत कम पहुंच रखती है।

समिति ने शुक्रवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति सिफारिश करती है कि मंत्रालय राज्य सरकारों को उनके प्रदेश में साइबर हॉटस्पॉट चिह्नित करने और उन क्षेत्रों में हो रहे साइबर अपराधों तथा उनकी रोकथाम के लिए उठाये गये कदमों पर आंकड़ों का विवरण रखने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।’’

समिति ने कहा कि ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (आई4सी) ये विवरण इकट्ठा कर सकता है और साइबर अपराधों से निपटने के लिए राज्यों की नीतियां बनाने में मदद के लिए इन्हें राज्यों के साथ साझा किया जा सकता है।

समिति ने सिफारिश की कि पुलिस बल विभिन्न रणनीतियां अपना सकता है। इनमें समुदाय, गांव और जिला-स्तरीय समितियों की बैठकों में नियमित अंतराल पर अपनी उपलब्धियों को प्रचारित करना शामिल है ताकि पुलिस-जनता के बीच संपर्क को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा जागरुकता सप्ताह और जनसभाओं का आयोजन भी किया जा सकता है।

समिति ने कहा कि राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से सभी थानों में रणनीतिक महत्व वाले स्थानों पर आईपी कैमरे लगाने का और समय-समय पर सभी सीसीटीवी कैमरों का ऑडिट कराने का आग्रह किया गया है।

समिति ने यह भी कहा कि विधि एवं न्याय मंत्रालय से राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जिला अदालतों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए सलाह देने के लिहाज से संपर्क किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार समिति चाहेगी कि इस मामले में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कार्रवाई की स्थिति से उसे अवगत कराया जाए।