MUMBAI : मनपा के अस्पतालों के खाने से दूध गायब

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दीपक कैतके
मुंबई : मुंबई नगर निगम के अस्पतालों में मरीजों के खाने से दूध गायब हो गया है। राज्य सरकार की आरे डेयरी के माध्यम से मुंबई नगर निगम के अधिकांश अस्पतालों में दूध का वितरण किया जा रहा था। हालांकि, उनसे दूध का संग्रह कम होने के कारण इसे रोकने का फैसला किया गया है। इसलिए पिछले 15 दिनों से नगर निगम के अस्पताल के खाते से पैसे खर्च कर और दानदाताओं से मदद लेकर स्थानीय स्तर पर दूध मंगवाया जा रहा है।

बता दें कि 16 उपनगरीय अस्पतालों और 30 प्रसूति वार्डों के साथ नायर, केईएम सायन और कूपर प्रमुख नगरपालिका अस्पताल हैं। इन सभी अस्पतालों में सरकार के आरे विभाग के माध्यम से दूध की आपूर्ति की जाती है। बड़े अस्पतालों को रोजाना 700 लीटर दूध की जरूरत होती है। नगर निगम के सभी अस्पतालों और प्रसूति गृहों को प्रतिदिन औसतन 4000 लीटर दूध की आवश्यकता होती है। अस्पताल में करीब 60-70 हजार मरीज इलाज के लिए भर्ती हैं। रोगी को दिन में दो बार दूध पिलाया जाता है।
सरकार के आरे विभाग के माध्यम से उत्पादित दूध के लिए नगर निगम से 39 रुपए प्रति लीटर की दर से शुल्क लिया जा रहा था। फिलहाल नगर निगम के अस्पतालों ने अपने खातों से पैसे निकाल कर समय-समय पर दानदाताओं से संपर्क किया है, हालांकि पहले जितना नहीं, पर दूध मंगवाने का काम जारी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से दूध खरीदा जाता है और डेयरी प्रसंस्करण के माध्यम से वितरित किया जाता है। हालांकि, किसानों का दूध आना बंद हो गया है क्योंकि सरकार किसानों को 27 रुपए प्रति लीटर दे रही है। जबकि निजी और सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ 35 से 40 रुपए प्रति लीटर का भुगतान करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन्हें अपना पैसा भी समय पर मिल जाता है। इसलिए किसान निजी और सहकारी दूध उत्पादक संघों को दूध बेचते हैं। नतीजा यह है कि सरकार को बकरियों से दूध मिल रहा है और डेयरी में प्रसंस्करण कर किसानों से दूध नहीं मिल रहा है।

दो-तीन दिन में दूध जम जाएगा

मुंबई नगर निगम के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमारे ने कहा कि आरे विभाग ने दूध की आपूर्ति बंद कर दी है और वर्तमान में सभी अस्पताल अपने स्थानीय स्तर पर दूध की व्यवस्था कर रहे हैं। हालांकि संभावना जताई जा रही है कि दो-तीन दिन में मामला सुलझ जाएगा। इसके लिए हम दूध उत्पादक संगठन महानंदा से बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।

जल्द ही दूध की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।

दूध के कम संग्रहण के मामले में डेयरी व्यवसाय विभाग के आयुक्त एच. पी.तुमोड ने कहा कि दूध की आपूर्ति मूल रूप से कम होने के कारण दूध की आपूर्ति रोक दी गई है।