Thane : शिवसेना ठाणे जिला प्रमुख बने युवा दिघे

ठाणे। शिवसेना के पूर्व ठाणे जिला प्रमुख रहे स्वर्गीय आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे को पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने ठाणे जिलाप्रमुख के पद पर नियुक्त किया है। इसके साथ ही ठाणे की नई टीम में अन्य कई समर्पित चेहरों को महत्वपूर्ण पद देकर उद्धव ठाकरे ने सकारात्मक संदेश यहां के शिवसैनिकों को दिया है।
शिवसेना में हुई बगावत के बाद पहली बार शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने ठाणे के लिए नई टीम तैयार की है। ठाणे के पूर्व जिलाप्रमुख रहे स्वर्गीय आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे को ठाणे जिलाप्रमुख नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही ठाणे शहरप्रमुख का दायित्व प्रदीप शिंदे को दिया गया है। वहीं पहली बार अनीता बिरजे को उपनेता पद दिया गया। दूसरी ओर शिवसेना के ठाणे विभागीय प्रवक्ता पद पद चिंतामणि कारखानीस की नियुक्ति की गई है।
पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने ठाणे के लिए गठित टीम में जिन चेहरों को स्थान दिया है, उनकी निष्ठा को लेकर कभी भी संदेह व्यक्त नहीं किया जा सकता है। केदार दिघे शिवसेना में हुए बगावत के बाद लगातार मातोश्री से संपर्क में रहे। उनके प्रति अपना समर्थन लगातार सार्वजनिक तौर पर भी व्यक्त करता रहा। इतना ही नहीं कभी ठाणे शहर में विभाग प्रमुख के तौर पर दशकों तक उत्तरदायित्व निभाने वाले प्रदीप शिंदे को लंबी उपेक्षा के बाद आखिरकार शिवसेना का ठाणे शहर प्रमुख नियुक्त किया गया है। इतना ही नहीं शिवसेना की तेजतर्रार महिलाशक्ति के तौर पर सदैव चर्चित रही अनीता बिरजे को शिवसेना उपनेता बनाया गया है।
इसके साथ ही ठाणे मनपा शिक्षण मंडल के अध्यक्ष रहे चिंतामणि कारखानीस को ठाणे विभागीय प्रवक्ता का पद दिया गया है। उपरोक्त नियुक्तियों की पुष्टि करते हुए ठाणे शहर प्रमुख प्रदीप शिंदे ने कहा कि उनका प्रयास शहर में पार्टी को अधिक से अधिक मजबूती दिलाने का है। वे पहले की तरह ही पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के प्रति समर्पित रहेंगे। शिवसैनिकों का मातोश्री के प्रति समर्पण ही पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे की असली ताकत साबित होने वाली है। शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने जब केदार दिघे को ठाणे जिलाप्रमुख नियुक्त किया तो उस दौरान सांसद राजन विचारे भी उपस्थित थे। नई टीम बनाने में विचारे ने उन्हें विशेष सहयोग दिया है। यहां तक बताया जा रहा है कि नई टीम में जिन चेहरों को शामिल किया गया है वह सांसद विचारे के सिफारिश का ही परिणाम है। आगे भी सांसद विचारे की पदाधिकारियों की नियुक्ति के संदर्भ में अहम भूमिका रहेगी। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।