विवाह पंचमी को क्यों नहीं होती हैं शादियां  

by sushmagupta,india ground report

विवाह पंचमी मार्गशीर्ष मास के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी तिथि को कहते हैं।

इस दिन विवाह करना या फिर शादी तय करना अशुभ मानते हैं।

इस साल 17 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी।

इस शुभ तिथि को माता सीता और भगवान राम के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।

आइए जानते हैं विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त, महत्‍व और पूजाविधि, साथ ही यह भी जानिए कि इस दिन क्‍यों नहीं होती हैं शादियां।

विवाह पंचमी की तिथि का आरंभ 16 दिसंबर को शाम 8 बजे से होगा और इसका समापन 17 दिसंबर की शाम को 5 बजकर 33 मिनट पर होगा।

विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त

इस दिन पति और पत्‍नी को मिलकर राम सीता की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से दांपत्‍य जीवन खुशहाल होता है और वैवाहिक जीवन में कभी कोई अड़चन नहीं आती।

विवाह पंचमी का महत्‍व

ऐसा माना जाता है कि इस दिन विवाह करने के बाद भगवान राम और सीता माता के जीवन में ढेरों कष्‍ट आए और उन्‍हें 14 वर्ष का जीवन वन में बिताना पड़ा था। इस कारण से इस दिन बेटियों की शादी नहीं की जाती है।

विवाह पंचमी पर शादी करना क्‍यों मानते हैं अशुभ

कुंवारी कन्‍याएं इस दिन अच्‍छा वर पाने के लिए ऊं जानकी वल्लभाय नमः मंत्र का 108 बार जप करें। इस दिन भूलकर भी घर में मांसाहार न बनाएं।

विवाह पंचमी की पूजाविधि