मानसून में बढ़ रहे कानों के फंगल इंफेक्शन से ऐसे बचे
इन दिनों मानसून में आईफ्लू के मामलों के साथ कान के संक्रमण की शिकायत भी बढ़ती जा रही है।
वो जब भी अपनी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर साझा करती हैं तो लोग उनकेकानों में होने वाला फंगल इंफेक्शन भी बारिशों के दिनों में होनी वाली बीमारियों में से एक है।
कैसे होता है यह फंगल इंफेक्शन, किन चीजों से बचना चाहिए, आइए देखते हैं...
बारिश में आर्द्रता के स्तर में वृद्धि के कारण कानों में बैक्टीरिया और फंगस के पनपने का जोखिम काफी अधिक माना जाता है।
जब कान में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, तो यह भी कान में संक्रमण का कारण बनता है।
कान में किसी तरह की चीज ना डालें और कान से छेड़खानी न करें। -स्विमिंग करते वक्त ईयर प्लग्स का इस्तेमाल करें।
कैसे करें बचाव
बरसात में भीगने, नहाने या फिर तैराकी के बाद कानों को तौलिए या मोटे या साफ कपड़े से अच्छी तरह से सुखाएं।
अगर बार-बार फंगल इंफेक्शन होता है, तो डायबिटीज की जांच करवाएं क्योंकि डायबिटिक पेशंट को यह इंफेक्शन होता रहता है। - कानों में गर्म तेल न डालें।
अपना कान साफ रखें, हालांकि, कान की सफाई के लिए आपको कुछ भी अंदर नहीं डालना चाहिए क्योंकि इससे कान के पर्दों को चोट लग सकती है।
ईयरफोन और ब्लूटूथ डिवाइस की सफाई का भी ध्यान रखें, गंदे और दूसरों के ईयरफोन इस्तेमाल करने से बचें।