जाने रामानंद सागर की 'रामायण' से जुड़ी ये 7 रोचक बाते,लिम्का बुक में भी दर्ज है नाम
रामानंद सागर के 'रामायण' सीरियल को पहली बार 1987 में टेलिकास्ट किया गया था। इसे उस समय 55 देशों में एकसाथ टेलिकास्ट किया गया था।
'रामायण' जब टीवी पर टेलिकास्ट हुई तो इसने प्रति एपिसोड 40 लाख रुपये की कमाई की थी जबकि इसके एक एपिसोड का बजट 9 लाख रुपये का था।
वह सीन को शूट के दौरान ही कैमरे में स्पेशल इफेक्ट डाल देते थे। जैसे कि सुबह का कोहरा दिखाने के लिए कैमरे के सामने अगरबत्ती और धूप से धुआं कर दिया जाता था।
'रामायण' में पहाड़ से लेकर ग्रहों तक को दिखाने के लिए स्पेशल इफेक्ट्स तैयार किया जाता था जिसके लिए एसईजी 2000 नाम की मशीन का इस्तेमाल किया गया था।
आपको बता दें कि 'रामायण' भारत का एकमात्र ऐसा टीवी सीरियल था जिसका टेलिकास्ट टाइम 45 मिनट का होता था। बाकी सभी सीरियल सिर्फ 30 मिनट के होते थे।
16 अप्रैल 2020 को 'रामायण' का जो एपिसोड टेलिकास्ट किया गया था, उसे करीब 7.7 करोड़ लोगों ने एकसाथ देखा था।
. रामानंद सागर ने 'रामायण' सीरियल की शूटिंग मुंबई से करीब 16 किलोमीटर दूर उमरगांव में की थी।'रामायण' की शूटिंग करीब 550 दिनों तक चली थी। कई कलाकार उमरगांव में ही रुके थे।