गोलू-मोलू बच्‍चे क्‍यूट नहीं बीमारियों का ढ़ेर हो सकते हैं

by sushmagupta,india ground report

गोलू-मोलू बच्‍चे हर किसी को अच्‍छे लगते हैं

लेकिन इन्‍हें लेकर एक चिंता की बात यह रहती है कि इन बच्‍चों में मोटापा बढ़ने का खतरा रहता है।

जिन बच्‍चों के शरीर के कुछ हिस्‍सों जैसे कि जांघ आदि पर फैट होता है, वो अनहेल्‍दी कहलाता है

मां और शिशु दोनों के लिए ही ब्रेस्‍टफीडिंग बहुत जरूरी होती है।

ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं

जिन बच्‍चों को ब्रेस्‍ट‍मिल्‍क मिलता है, उनकी इम्‍यूनिटी भी बाकी बच्‍चों की तुलना में मजबूत रहती है।

जब भी बच्‍चा रोता या चिड़चिड़ा होता है, तो उसे दूध न पिलाएं या खाना न खिलाएं।

बार-बार न खिलाएं

हो सकता है कि आपका बेबी डायपर गीला होने की वजह से राे रहा हो।

अगर इस सबके बाद आपको लगता है कि बच्‍चे को भूख लग रही है, तो आप उसे फीड कर सकते हैं।

जब आपका शिशु पेट भरने के संकेत देता है, तो आप उन्‍हें समझकर उसे फीडिंग करवाना बंद कर दें।

ओवरफीडिंग न करें

बच्‍चे के ठोस आहार में हेल्‍दी चीजों को शामिल करें। इसमें फल, सब्जियां, दालें, अनाज और सूखे मेवे आते हैं।

इसका भी ध्यान रखें

बच्‍चे के रोज के रूटीन में एक्‍सरसाइज और प्‍लेटाइम होना आवश्‍यक है।

खेलने का समय दें