
कहा कलम ने लिखने को,
जब वीरों का इतिहास,
वीर पुरुष, उज्जवल चरित्र हो,
जिसने दिया प्रकाश।
खूब छकाया था दुश्मन,
परचम स्वराज का लहराया,
वीर शिवाजी से बढ़कर,
तब नाम ना कोई आया।
वीरों की लंबी श्रेणीं में,
वे पहला स्थान लिखाएं,
अमर रहेंगीं दुनिया में,
वीर शिवाजी की गाथाएं।
उदय हुए रवि के सदृश वे,
इस जंग ने महिमा जानी,
अत्याचारी मुगलों से,
लोहा लेने की ठानी।
रण-कौशल और शक्ति जिनकी,
दुश्मन ने भी मानी,
नींव रखी हिन्दू शासन की,
उनकी लिख रहा कहानी।
भारत माता के गौरव वे,
हम उनको शीश झुकाएं।
अमर रहेंगी दुनिया में,
वीर शिवाजी की गाथाएं।
महान मराठों की धरती ने,
कई इतिहास रचाये,
धैर्य, पराक्रम और शौर्य के,
किस्से वो हमें सुनाये।
वीर शिवाजी का घर है ये,
दे आजादी का सन्देश,
रहें समर्पित देश प्रेम में,
हम सबको देता उपदेश।
आदर्शों को वीर शिवा के,
आओ हम सब अपनाएं।
अमर रहेंगी दुनिया में,
वीर शिवाजी की गाथाएं।
श्री सुशील चंद्रा
डायरेक्टर (मेंटेनेंस )
महा मुंबई मेट्रो