
United Nations: संयुक्त राष्ट्र को जवाहिरी के ठिकाने की बिल्कुल जानकारी नहीं थी : स्टीफन दुजारिक

इंडिया ग्राउंड रिपोर्ट डेस्क
संयुक्त राष्ट्र: (United Nations) संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने कहा है कि सदस्य देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए उठाए गए कदम अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उनके दायित्वों के अनुकूल हों। संयुक्त राष्ट्र ने साथ ही कहा कि इस वैश्विक निकाय को अल-कायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (United Nations Secretary-General Antonio Guterres) के प्रवक्ता ने एक बयान में यह जानकारी दी। अफगानिस्तान के काबुल में एक मकान पर अमेरिकी ड्रोन हमले में अल जवाहिरी मारा गया है।
अमेरिका पर 9/11 को हुए हमलों की साजिश अल-ज़वाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी। ओसामा बिन-लादेन को ‘यूएस नेवी सील्स’ ने दो मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में एक अभियान में मार गिराया था। ज़वाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) द्वारा काबुल में शनिवार शाम किए गए ड्रोन हमले में ज़वाहिरी मारा गया। जवाहिरी काबुल स्थित एक मकान में अपने परिवार के साथ छिपा था।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘नहीं, बिल्कुल भी नहीं। हमें जवाहिरी के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।’’
जवाहिरी के मारे जाने पर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में दुजारिक ने कहा कि यह वैश्विक संगठन आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और इस खतरे का मुकाबला करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘सदस्य देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए उठाया गया कोई भी कदम अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उनके दायित्वों के अनुकूल हों।’’ दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र 2020 के दोहा समझौते का पक्षकार नहीं है। दोहा समझौते के तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की शर्तों को तय किया गया था। इस समझौते के तहत तालिबान को यह सुनिश्चित करना था कि वह अल-कायदा सहित अपने किसी भी सदस्य, अन्य व्यक्तियों या समूहों को अमेरिका तथा उसके सहयोगियों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा।