
26 नवंबर सुबह 10 बजे से सेन्ट्रल अस्पताल से होगी शुरुआत
उल्हासनगर : भारतीय संविधान का अनुच्छेद 47 सरकार पर नागरिकों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी निर्धारित करता है। चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार! सरकार द्वारा कई स्वास्थ्य योजनाएं लागू की जाती हैं। इस सब पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, हालांकि आम नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता वह नहीं मिल रही है,जो वे चाहते हैं। हमारे पास अस्पतालों को वर्गीकृत किया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में, यह अच्छी तरह से तय किया गया है कि तालुका स्तर पर जिला स्तर पर कौन सा उपचार प्राप्त किया जा सकता है।उल्हासनगर में जिला स्तरीय केंद्रीय अस्पताल है लेकिन जिला अस्पताल में वहां लागू सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। यह वर्षों से चल रहा है। इसके खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य का सवाल है, बल्कि हमारे संवैधानिक अधिकारों का भी है। सिटिजन हेल्थ केयर फाउंडेशन और उल्हासनगर के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने एक साथ आने और नागरिकों के संवैधानिक स्वास्थ्य अधिकारों के लिए लड़ने का फैसला किया है। इसके लिए भारत के संविधान दिवस 26 नवंबर को पूरे शहर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
जिसकी शुरुवात 26 नवंबर की सुबह 10 बजे सेंट्रल अस्पताल उल्हासनगर 3 में की जाएगी, इसके पश्चात शामको 5 बजे से 7 बजे तक शहर के विभिन्न इलाकों में विभिन्न सामाजिक संघटनों द्वारा हस्ताक्षर अभियान किया जाएगा। उल्हासनगर व आसपास के एनजीओ, सामाजिक संगठन भी इस हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लें ऐसी अपील सिटीजन हेल्थ केअर फाऊंडेशन के समन्वयक समाजसेवी शिवाजी रगडे, सतीश मराठे और राज असरोंडकर द्वारा की गई है।