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THANE : जनभागीदारी से बदलेगा नदियों का कायाकल्प

ठाणे जिले में लागू किया जाएगा “चलो नदी पर चलते हैं ” अभियान

ठाणे : प्रदूषण जैसी समस्याओं के कारण उपलब्ध सतही जल की उपयोगिता कम होती जा रही है। साथ ही नदियों/जलाशयों में गाद जमा होने से उनकी वहन क्षमता/भंडारण क्षमता कम हो रही है। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर इन मुद्दों का अध्ययन करने के लिए ” चलो नदी पर चलते हैं ” अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के द्वारा ठाणे जिले की नदियों को पुनर्जीवित किया जाएगा। इस अभियान में जिले की भातसा, उल्हास, वल्धूनी नदियों के साथ-साथ कुंभेरी , कामवारी, भरंगी, कनकवीरा, चोर नदी, लेनाड नदी , कुशीवली को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा।इस पहल के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इसके सह-अध्यक्ष हैं। इस समिति में रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर , जिला ग्रामीण विकास प्रणाली के परियोजना निदेशक, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी और विभिन्न विभागों के प्रमुख शामिल हैं। साथ ही रिवर गार्ड के सदस्य इस अभियान के समन्वयक होंगे और जिला वन संरक्षक सदस्य सचिव होंगे।

जलनायक डॉ. स्नेहल डोंडे ठाणे जिले के समन्वयक के रूप में करेंगे काम
“चलो नदी पर चलते हैं ” अभियान के माध्यम से अमृत नदी यात्रा का आयोजन किया गया है और इसमें जनभागीदारी भी ली जाएगी। इस यात्रा के दौरान 2 अक्टूबर 2022 से 26 जनवरी 2023 के बीच राज्य के 75 नदी स्थलों का भ्रमण किया जाएगा। इस अभियान का पहला चरण 30 नवंबर तक पूरा कर पढ़ाई पर जोर दिया जाएगा। यात्रा का दूसरा चरण 1 दिसंबर से 31 दिसंबर 2022 तक होगा। इस काल में स्रोत से संगम तक नदियों की क्या स्थिति है? क्या करना है, इसका अध्ययन किया जाएगा। उसके बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को दी जाएगी। जलनायक डॉ. स्नेहल डोंडे ठाणे जिले के समन्वयक के रूप में काम करेंगे। इस अभियान में ठाणे जिले में विभिन्न नदियों और नदियों, नालों और नालों के पुनरुद्धार के लिए अध्ययन किया जाएगा। नदी के पुनरुद्धार के लिए काम करने वाले सभी सरकारी संगठन , स्वयंसेवी संगठन और नागरिक शामिल होंगे।

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