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THANE : आरक्षित सीटों पर लोकल यात्रियों का अवैध कब्जा

आरक्षण कराए यात्रियों को बैठने की नहीं मिलती है जगह

ठाणे : सवेरे बाहर गांव से सीएसटी की ओर जाने वाली मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में लोकल प्रवासी प्रवास करते हैं । इतना ही नहीं रात्रि के समय सीएसटी से बाहर गांव जाने वाली मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों में भी लोकल प्रवासियों की अवैध घुसपैठ हो रही है। स्थिति ऐसी है कि आरक्षण कराए यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिलती है। आरक्षित यात्री जहां खड़े होने को विवश होते हैं तो वहीं लोकल यात्री उनकी सीटों पर बैठे रहते हैं । इस तरह की घटना सुबह और शाम मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों में हो रही है। रात में कल्याण, कर्जत, कसारा की ओर जाने वाली मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों में लोकल प्रवासियों का झुंड टूट पड़ता है। इस कारण आरक्षित प्रवासियों को अपनी सीट पर बैठने की भी जगह नहीं मिलती है। खास तौर पर रात में यह स्थिति देखने को मिल रही है। इस मामले का पर्दाफाश रेलवे प्रवासी संघटना के अध्यक्ष एडवोकेट बी एल शर्मा ने किया है । उन्होंने रेलवे प्रबंधन से मांग की है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए । अन्यथा कभी भी मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में आरक्षणधारी यात्री और लोकल यात्रियों के बीच हिंसक झड़प भी हो सकती है।

पिक आवर में कल्याण, कर्जत और कसारा रूट पर लोकल गाड़ियों में नारकीय भीड़भाड़ लोकल प्रवासियों की रहती है। इससे बचने के लिए लोकल प्रवासी लंबी दूरी के मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों में चढ जाते हैं। इस संदर्भ में हवाला देते हुए एडवोकेट शर्मा ने बताया कि गुरुवार की रात 9:00 बजे महालक्ष्मी एक्सप्रेस ठाणे रेलवे स्टेशन पर आई । इस गाड़ी के आने के साथ ही इसमें चढ़ने वालों का झुंड ही टूट पड़ा । ये चढ़ने वाले लोकल प्रवासी थे। आरक्षित टिकट वाले भी जहां रेलगाड़ी में नहीं चढ पा रहे थे, तो वहीं लोकल प्रवासी आरक्षित सीट पर ही बैठ गए। स्थिति यहां तक आई की टिकट आरक्षित यात्रियों को रेल डब्बे में खड़ा होने को विवश होना पड़ा। यह स्थिति निश्चित तौर पर चिंता का विषय है । रेलवे प्रशासन और प्रबंधन को चाहिए कि इसको लेकर कठोर कार्रवाई करें । ऐसी मांग करते हुए एडवोकेट बी एल शर्मा ने आगाह किया है कि ऐसी हरकतों को रोकने के लिए प्रशासनिक उपाय योजना पर अमल आवश्यक है। बताया गया है कि एक्सप्रेस और मेल गाड़ियों में रात के समय आरक्षित प्रवासियों को कल्याण, कर्जत कसारा तक खड़े होकर ही जाना पड़ता है। उन्हें अपनी ही सीट पर बैठने की जगह नहीं मिलती है ।जो चिंता का विषय है।
पूरी तरह रेलवे प्रबंधन और प्रशासन ही जिम्मेदार माना जाएगा
एडवोकेट बी एल शर्मा ने बताया कि मेल और एक्सप्रेस में रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे पुलिस ये कल्याण या उसके आगे रेलवे रेलगाड़ी में जांच कार्य शुरू करती हैं ।तब तक स्थानिक लोकल प्रवासी आसानी से उतर जाते हैं। यही सिलसिला लगातार चल रहा है। धीरे-धीरे इसमें और भी विस्तार होने की बात सामने आई है । लोकल प्रवासियों को पता रहता है कि वे सुरक्षित अपने स्थल पर उत्तर जाएंगे। क्योंकि उन्हें पता है कि रेलवे पुलिस कब जांच पड़ताल करती है। इसी का फायदा लोकल प्रवासी उठाते हैं। लोकल की भीड़भाड़ से बचने के लिए वे मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों में सुखद यात्रा रात्रि और सुबह के समय भी कर रहे हैं। एडवोकेट शर्मा ने आशंका जताई की यदि कभी आरक्षित प्रवासी और लोकल प्रवासियों में तनाव हुए तो हिंसक स्थिति भी पैदा हो सकती है। इस स्थिति के लिए पूरी तरह रेलवे प्रबंधन और प्रशासन ही जिम्मेदार माना जाएगा।

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