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Thane : गड्ढों के रोग का शिकार हुआ जी बी रोड

ठाणे : ठाणे घोड़बंदर रोड जिसे जीबी रोड भी कहा जाता है, गड्ढों के रोग का शिकार हो गया है । इस रोड पर अभी भी हजारों गड्ढे देखे जा सकते हैं। इस रोड को लेकर सरकारी विभागों में किसी भी तरह का समन्वय नहीं है। उसी का परिणाम है कि रोजाना दो दो घंटे सड़क जाम की स्थिति ठाणे घोडबंदर रोड पर देखी जा सकती है। इस बात का खुलासा करते हुए मनसे के विधि और जनहित विभाग ठाणे शहर अध्यक्ष स्वप्निल महिंद्रकर ने आरोप लगाया है कि विभिन्न सरकारी विभागों की लापरवाही के कारण घोडबंदर रोड लोगों के लिए सिरदर्द हो गया।

बताया गया है कि घोड़बंदर रोड का कुछ हिस्सा ठाणे महानगरपालिका के अधीन तो वही कुछ हिस्सा सार्वजनिक बांधकाम विभाग,क्ष कुछ हिस्सा महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास प्राधिकरण के अधीन आता है। जबकि ठाणे घोडबंदर रोड का कुछ भाग एमएमआरडीए के अधिकार क्षेत्र में आता है। महेंद्रकर का कहना है कि सरकारी विभागों में आपसी समन्वय नहीं होने के कारण इस रोड की उपेक्षा हो रही है। जो चिंता का विषय बन गया है।

इस समय घोड़बंदर रोड पर गड्ढों की भरमार है। मनसे ने मांग की है कि सामान्य आवाजाही के लिए इस रोड कि दुरुस्ती का काम जल्द किया जाना चाहिए । लेकिन वैसा कुछ नहीं हो रहा है । बारिश के बाद भी इस रोड को हजारों गड्ढों से मुक्ति नहीं मिल पाई है।

घोड़बंदर रोड पहले एमएसआरडीसी के अंतर्गत आता था। इस रोड के रखरखाव की सारी जिम्मेदारी उसकी थी। लेकिन मार्च 2021 में कापुरबावड़ी से फाउंटेन होटल सड़क एमएसआरडीसी ने सार्वजनिक बांधकाम विभाग को हस्तांतरित कर दिया। लेकिन फाउंटेन होटल से सर्विस रोड मीरा भाईंदर मनापा से लेकर उसे अक्टूबर 2021 में सार्वजनिक बांधकाम विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया। जिस कारण घोड़बंदर रोड का अधिकांश हिस्सा सार्वजनिक बांधकाम विभाग के कधिकार क्षेत्र में चला गया।

इन बातों का जिक्र करते हुए स्वप्निल महिंद्रकर ने कहा है कि घोड़बंदर रोड को लेकर अब तक सार्वजनिक बांधकाम विभाग द्वारा एक साधारण निविदा भी नहीं निकाली गई है। जो चिंता का विषय है। और तो और इस रोड की दुरुस्ती के लिए किसी भी तरह की निधि का आबंटन भी सरकारी स्तर पर नहीं हो रहा है। सार्वजनिक बांधकाम विभाग के वरिष्ठ अभियंता सुरेश परदेसी ने इन बातों की पुष्टि करते हुए कहा है कि जब तक घोड़बंदर रोड की दुरुस्ती के लिए निधि का आवंटन नहीं होगा तब तख दुरुस्ती का काम संभव नहीं है।

दूसरी ओर महिंद्रकर का कहना है कि ठाणे मनपा की ओर से सभी सरकारी प्राधिकरण को बारिश के पहले ही लिखित पत्र देकर गड्ढे बुझाने की मांग की गई थी । लेकिन पत्र दिए जाने के 5 महीने बाद भी किसी भी तरह की पहल नहीं की गई। विभागीय लापरवाही के कारण घोड़बंदर रोड जानलेवा हो गया है। कुछ दिन पहले गायमुख के समीप एक बाइक सवार युवक गड्ढों की बलि चढ़ गया था।

बताया गया है कि गड्ढे भरने के लिए फेवर ब्लॉक के उपयोग पर न्यायालय ने रोक लगाई है। लेकिन आज भी शहर में गड्ढे को पाटने के लिए इसका उपयोग हो रहा है। अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि बड़े गड्ढों को भरने में पेवर ब्लॉक के उपयोग से दुर्घटना की संभावना अधिक रहती है। और ऐसा हो भी रहा है। उपरोक्त संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महिंद्रकर ने कहा कि सरकारी प्राधिकरण के बीच आपसी समन्वय नहीं होने के कारण वे एक दूसरे पर दोषारोपण करने में ही लगे हैं। सभी अपनी जवाबदारी से भाग रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द गड्ढे नहीं बुझाए गए तो मनसे उग्र आंदोलन करेगी।

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