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Tehran : ईरान ने इजराइल पर 25 ‘फतह-1’ मिसाइलें दागीं, छठे दिन भारी तबाही का दावा

तेहरान : (Tehran) ईरान-इजराइल सैन्य टकराव (Iran-Israel military confrontation) आज छठे दिन में प्रवेश कर गया। इजराइल के हमले से प्रतिशोध की आग में झुलस रहा ईरान इस युद्ध में अमेरिका की एक भी बात नहीं सुन रहा। आज ईरान ने इन छह दिनों में पहली बार इजराइल के खिलाफ फतह-1 मिसाइल से हमला किया है। उसने एक साथ ऐसी 25 मिसाइलें दागकर भारी तबाही मचाई है।

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरान (Iran’s state news agency Iran News) की खबर के अनुसार इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (Islamic Revolutionary Guards Corps) (आईआरजीसी) ने कहा है कि फतह-1 मिसाइल हमला इजराइली प्रायोजक संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए कड़ा संदेश है। फतह-1 उन्नत मिसाइल है। यह लक्ष्य को कुछ ही मिनट में तबाह करने में सक्षम हैं।

आईआरजीसी ने बुधवार सुबह प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि फतह-1 को तेल अवीव ईरान की ताकत का संदेश देने के लिए भेजा गया, ताकि उसका युद्ध प्रिय सहयोगी अमेरिका भी जान सके कि लड़ाई कैसी होगी। विज्ञप्ति में कहा गया कि फतह-1 ने इजराइल के आसमान पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है। उसके ताजा हमले के बाद इजराइल के लोग रक्षा विहीन हो गए हैं।

आईआरजीसी ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई (Iran’s supreme leader Ayatollah Khamenei’s) के जंग शुरू होने के एलान के बयान के बाद फतह-1 से हमला किया है। इस जंग में पहली बार फतह-1 का इस्तेमाल किया गया है।

फतह 1 मिसाइल हाइपरसोनिक है (The Fatah-1 missile is hypersonic) यह आवाज की गति से पांच गुना तेज उड़ती है। आईआरजीसी ने कहा कि फतह-1 मिसाइलों ने इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम को भेद दिया है। हालांकि इससे इजराइल को कितना नुकसान पहुंचा है, इसकी कोई सूचना नहीं है। इस बीच वॉशिंगटन स्थित एक ह्यूमनराइट्स ग्रुप ने दावा किया है कि ईरान में मौत का आंकड़ा अब 585 हो चुका है। जबकि 1,326 लोग घायल हुए हैं।

ईरान की सरकार ने अब तक मौतों की पूरी जानकारी साझा नहीं की है। आखिरी बार ईरान ने सोमवार को हताहतों की जानकारी शेयर की थी। सरकार के मुताबिक इस लड़ाई 224 ईरानी मारे गए, जबकि 1,277 घायल हुए हैं।

फतह-1 की खासियत

फतह-1 ईरान की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल है। अयातुल्ला अली खामेनेई ने इसे फतह-1 नाम दिया था। 2023 में इसे पहली बार दुनिया के सामने प्रदर्शित किया गया। मिसाइल को दुनिया के सामने पेश करते समय तेहरान में एक बड़ा बैनर लगाया गया था, जिस पर हिब्रू में एक संदेश लिखा, ‘तेल अवीव के लिए 400 सेकंड।’ इससे यह साफ बताता है कि फतह-1 ईरान से इजरायल की दूरी 7 मिनट से कम समय में तय कर सकती है।

इस मिसाइल को ईरान ने इजराइल के आयरन डोम और ऐरो जैसी (Israel’s Iron Dome and Arrow) मिसाइल रक्षा प्रणालियों को भेदकर हमला करने के लिए डिजाइन किया है। हाइपरसोनिक आमतौर पर ऐसे हथियारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, पृथ्वी के वायुमंडल में बहुत तेज गति से जाते हैं। इनकी रफ्तार के चलते इन्हें रोकना मुश्किल होता है और वे तेजी से दिशा बदल सकते हैं।

ईरान वॉच के अनुसार फतह-1 की रेंज 1400 किलोमीटर (the range of Fatah-1 is up to 1400 kilometers) तक है। यह ठोस ईंधन पर चलती है और सिंगल स्टेज प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग करती है। हाइपरसोनिक मिसाइलें मैक-5 (ध्वनि की रफ्तार से पांच गुना) लगभग 6100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ सकती हैं। सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर बैलिस्टिक मिसाइलें अपने लक्ष्य के पास पहुंचने पर हाइपरसोनिक गति तक पहुंच जाती हैं। हालांकि, ईरान का दावा है कि फतह-1 मिसाइल मैक 15 यानी लगभग 18000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लक्ष्य की तरफ बढ़ सकती है।

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