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Surat/Ahmedabad : सूरत में ‘राहुल अपार्टमेंट’ गैंग लीडर के घर पर चला बुलडोजर

राहुल अपार्टमेंट गैंग के राहुल पिंपडे के घर के अंदर भी अवैध निर्माण
सूरत/अहमदाबाद : (Surat/Ahmedabad)
राज्य के डीजीपी विकास सहाय के आदेश के बाद सूरत में अपराधियों की सूची तैयार की जा रही है। डीजीपी सहाय ने गुजरात की पुलिस को 100 घंटे के भीतर अपराधियों को पकड़ने का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य में असामाजिक तत्वों, शारीरिक अपराधों, संगठित अपराध और संपत्ति अपराधों में संलिप्त अपराधियों की सूची तैयार करने और तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया। सूरत शहर में इस समय 9 गिरोह सक्रिय हैं और ‘राहुल अपार्टमेंट’ (Surat city and ‘Rahul Apartment’) गिरोह भी उनमें से एक है। सूरत के उधना इलाके में ‘राहुल अपार्टमेंट’ नाम से गिरोह चलाने वाले राहुल पिंपडे पर अब कानून सख्त हो गया है।

मंगलवार को उधना पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के साथ आरोपी राहुल के तीन मकानों पर हथौड़ा और बुलडोजर चलाया। सरकारी आवास के पास आरोपी राहुल के अवैध रूप से बनाए गए मकानों को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। आरोपियों ने एक आवासीय भवन में भी अवैध निर्माण कराया था, जिसे भी ध्वस्त कर दिया गया है।

राहुल पिंपडे (Rahul Pimpade) ने उधना क्षेत्र में अवैध रूप से तीन मकान बनाए गए थे, जिनका उपयोग वह अवैध गतिविधियों के लिए करता था। पुलिस जांच में पता चला कि ये तीनों घर राहुल के गिरोह के केंद्रीय मुख्यालय थे, जहां से वह अवैध कारोबार और आपराधिक गतिविधियां चलाता था। कानून की नजर टेढ़ी होते ही इस गिरोह की नींव हिल चुकी है। आरोपी राहुल अपार्टमेंट गैंग का डॉन है, जो सूर्या मराठी हत्याकांड में भी शामिल है। आरोपी राहुल के खिलाफ देशद्रोह, मारपीट, हत्या जैसे 22 अपराध दर्ज हैं।

‘राहुल अपार्टमेंट’ गिरोह के सरगना राहुल पिंपड़े की पत्नी काजल पुलिस की कार्रवाई से बेहद नाराज हैं। अपने पति के खिलाफ आपराधिक कृत्यों के लिए की गई कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा, “राहुल सात साल तक जेल में रहे और अभी-अभी बाहर आए हैं।” यदि उसके पास गिरोह चलाने से पैसा आता तो वह यहां सरकारी आवास में क्यों रहता? पिछले तीन दिनों से पुलिस हमें परेशान कर रही है और हमारा सामान बाहर छोड़ जाती है। मैंने प्रेम विवाह किया है और अब मैं अपनी मां के घर भी नहीं जा सकती।

उन्होंने कहा कि राहुल अभी गांव गए हैं, वहां शादी है, इसलिए बच्चों के साथ गए हैं। मेरी तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए मैं नहीं गयी। पुलिस घर के अंदर आती है, सारा सामान और गद्दे फेंक देती है और जांच करती है।

राहुल पिंपडे गिरोह की कुख्यात गतिविधियों के कारण यह इलाका ‘राहुल अपार्टमेंट’ गिरोह का गढ़ माना जाता है। राहुल का घर भी इसी सरकारी आवास के भूतल पर है, जहां से वह अवैध गतिविधियों को अंजाम देता था।

राहुल पिछले 15 वर्षों से ‘राहुल अपार्टमेंट’ का संचालन कर रहे हैं। इस अवैध कारोबार के जरिए वह कई लोगों को पैसा उधार देता था और फिर पैसा वसूलने के लिए गुंडागर्दी का सहारा लेता था। उसके खिलाफ सूरत के विभिन्न पुलिस थानों में गुजसीटोक समेत 22 गंभीर अपराध दर्ज हैं।

डीजीपी के 100 घंटे के भीतर गुजरात भर में असामाजिक तत्वों की सूची तैयार करने का निर्देश के बाद गुजरात पुलिस एक्शन मोड में आ गई। सूरत पुलिस शहर के सभी चार जोनों में असामाजिक तत्वों की एक विस्तृत सूची भी तैयार कर रही है। जबकि क्राइम ब्रांच ने 1300 अपराधियों की सूची तैयार की है, जिसमें 300 हार्डकोर अपराधी भी शामिल हैं। 17 मार्च की शाम को 22 अपराधियों को थाने बुलाया गया और सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। अहमदाबाद पुलिस ने गिरोहों के नामों के साथ 1300 अपराधियों की सूची भी तैयार की है जबकि वडोदरा में तीन गिरोह सक्रिय होने का खुलासा हुआ है।

सूरत क्राइम ब्रांच ने विशेष जांच के दौरान करीब 1300 अपराधियों की सूची बनाई है। इनमें से 300 गंभीर अपराधों में संलिप्त हैं, जबकि शेष शारीरिक अपराध (शारीरिक हमले), संपत्ति अपराध (चोरी, जबरन वसूली, भूमि हड़पना) और संगठित अपराध (गिरोह आधारित अपराध) से जुड़े हैं। इस पुलिस सूची में गुजरात असामाजिक अधिनियम (गुजरात एंटी सोशल एक्ट) के तहत दर्ज 20 से 25 अपराधी भी शामिल हैं।

100 घंटे के इस अभियान के तहत सूरत क्राइम ब्रांच ने 22 लोगों को पुलिस स्टेशन बुलाया, जहां उन्हें ‘कान पकड़कर’ बैठने को मजबूर किया गया। पुलिस ने इन व्यक्तियों से बार-बार पूछताछ की और यह स्पष्ट कर दिया कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सूरत क्राइम ब्रांच (Surat crime branch) के डीसीपी भावेश रोजिया ने बताया कि डीजीपी विकास सहाय ने पूरे गुजरात में पुलिस को 100 घंटे के भीतर कार्रवाई का लक्ष्य दिया था। इस लक्ष्य में असामाजिक तत्वों, शारीरिक अपराध, संगठित अपराध और संपत्ति अपराधों में संलिप्त अपराधियों की सूची तैयार कर तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है। सूरत क्राइम ब्रांच ने इसी लक्ष्य के अनुरूप विशेष जांच शुरू की है, जिसमें 1300 अपराधियों की पहचान की गई है। आने वाले दिनों में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सूरत शहर पुलिस ने 15 मार्च को अमरोली-कोसाड क्षेत्र में विशेष तलाशी अभियान चलाया। यह ऑपरेशन 15 मार्च 2025 को शाम 7:00 बजे से रात 9:00 बजे तक चला। शहर के सबसे संवेदनशील क्षेत्र अमरोली-कोसाड में विशेष तलाशी अभियान चलाया गया। अमरोली-कोसाड क्षेत्र में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान कुल 100 से अधिक संदिग्धों और अपराधियों की जांच की गई। जीपी एक्ट की धारा 135 के तहत 7 और धारा 142 के तहत 2 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई, निषेधाज्ञा के तहत 4 मामले, बीएनएसएस की धारा 126 और 170 के तहत 28 लोगों की जांच की गई, 40 एमसीआर जांचें की गईं, 4 हिस्ट्रीशीटर अपराधियों की जांच की गई, 7 फरार आरोपियों की जांच की गई, 8 सूचीबद्ध बूटलेगरों और 2 जुआरियों की जांच की गई।

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