श्रीगंगानगर : शहर से सटे गांव 5 ए मौजपुरा में जल जीवन मिशन योजना में बनाया गया वाटर वर्क्स लोगों की प्यास बुझाने से पहले ही ध्वस्त हो गया है। करीब एक करोड़ रुपये लागत से बनाए गए वाटर वर्क्स को तैयार कर लोकार्पण करने की तैयारी चल रही थी। इस सप्ताह आई बारिश ने इस वाटर वर्क्स के निर्माण की पोल खोल दी। गत दिवस हुई बारिश का पानी चारदीवारी, टैंक और कमरे की नींव में घुस गया। इससे दरारें आ गईं। ठेकेदार ने अब आनन-फानन में घटिया निर्माण को छुपाने के लिए लीपापोती शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत 6 ए के अंतर्गत गांव 5 ए मौजपुरा में वाटर वर्क्स निर्माण के लिए जल जीवन मिशन योजना में 1.02 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब मोटरें आदि फिट करनी शेष है। गत दिवस आई बारिश का पानी चार दीवारी की नींव, वाटर टैंक और इंटरलॉकिंग निर्माण में घुस गया। पानी से चारदीवारी धंस गई और इसमें दरारें आ गईं। वाटर टैंक में पानी घुसकर नींव व चारदीवारी के आरपार हो गया। इससे निर्माण कार्य को काफी नुकसान हुआ है। वहीं इंटरलॉकिंग लगाने से पहले मिट्टी आदि की कुटाई नहीं की गई, जिससे इंटरलॉकिंग करीब छह इंच तक धंस गई। इससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर अंगुली उठनी शुरू हो गई है।
गांव मौजपुरा के पूर्व सरपंच जगतार सिंह और ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने वाटर वर्क्स का निर्माण घटिया किया, जिसकी पोल पहली बारिश ने ही खोल दी। इसकी सूचना उन्होंने ग्राम पंचायत सरपंच और विभाग के अधिकारियों को दी, मगर अभी तक किसी ने भी निरीक्षण करने की जहमत नहीं उठाई।
ग्रामीणों का कहना है कि ठेेकेदार ने वाटर वर्क्स का निर्माण घटिया करने के अलावा गांव में पूर्व में बनी सीसी सडक़ों को भी तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि पाइप लाइन डालने के लिए ट्रेक्टर की चैन से नाली खुदवाने की बजाय जेसीबी ने नाला खुदवा दिया, जिससे लाखों रुपये की सीसी सडक़ें तोड़ दी। अब बारिश होने से वहां गलियों में दलदल बन गई। इससे गांव का बुरा हाल हो गया।
इस संबंध में पीएचईडी के एक्सईएन सतीश अरोड़ा से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी जेईएन को मौके पर भिजवाकर जांच करवा लेते हैं। अगर निर्माण कार्य में कमी है तो उसे सही करवाएंगे, अभी तक ठेकेदार को भुगतान भी नहीं किया गया है।



