श्रीगंगानगर : राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने परिवादी की याचिका स्वीकार कर राजस्व विभाग को याचिकाकर्ता को तीन माह में अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया है।
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नवीन शर्मा ने बताया कि श्रीगंगानगर निवासी सौरभ असेरी पुत्र दिवंगत सत्यनारायण आसावत ने याचिका दायर कर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवारी की अस्वीकृति को कोर्ट में चुनौती दी। याचिकाकर्ता के पिता राजस्व विभाग श्रीगंगानगर में वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत थे, उनका 25 अक्टूबर 2015 को निधन हो गया। याचिकाकर्ता के पिता की मृत्यु के समय याचिकाकर्ता की अविवाहित बहन सरकारी सेवा में कार्यरत थी, जिसका विवाह 02 दिसंबर 2015 को हुआ , जिसके बाद में याचिकाकर्ता ने 28 दिसंबर 2015 के आवेदन के माध्यम से राजस्थान मृतक सरकारी सेवक के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति नियम-1996’ के तहत अनुकंपा नियुक्ति की मांग की। इस आवेदन पत्र के साथ याचिकाकर्ता की बहन द्वारा दिया गया शपथ पत्र भी था, जिसमें यह लिखा गया कि यदि याचिककर्ता को नियुक्ति दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी, मगर तत्कालीन जिला कलेक्टर ने याचिकाकर्ता के आवेदन को यह कहकर खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता की बहन याचिकाकर्ता के पिता की मृत्यु के दिन एक सरकारी कर्मचारी थी, इसलिये याचिकाकर्ता नियुक्ति का हकदार नहीं है।
जिला कलेक्टर के आदेश को परिवादी सौरभ असेरी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर विभाग से जवाब-तलब किया। राजस्व विभाग ने जवाब में भी याचिकाकर्ता के आवेदन को अस्वीकार कर दिया।
इसलिए अनुकंपा नियुक्ति का हकदार है याचिकाकर्ता
एडवोकेट नवीन शर्मा ने न्यायालय के समक्ष तर्क दिए गए कि ‘राज. मृतक सरकारी सेवक के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति नियम 1996’ 04 अप्रैल 2015 को पूर्व में ही संशोधित हो चुका है। जिसकी धारा 5 के अनुसार सरकारी सेवक की मृत्यु के समय की बजाय आश्रित की नियुक्ति के समय को प्राथमिकता दी जाएगी, इसलिए याचिकाकर्ता अनुकंपा नियुक्ति का हकदार है और मृतक की अविवाहित पुत्री के विवाह के बाद मृतक के आश्रित केवल पेंशन पर निर्भर है। अधिवक्ता ने तर्को के समर्थन में न्यायिक निर्णय भी प्रस्तुत किए गए। उक्त तर्कों और न्यायिक निर्णयों पर विचार करते हुए उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार कर राजस्व विभाग जयपुर और जिला कलेक्टर श्रीगंगानगर को याचिकाकर्ता को 3 माह के भीतर नियुक्ति देने के आदेश पारित किए।



