श्योपुर में देव विमानों का चल समारोह देखने उमड़े हजारों लोग।
शहर सहित जिले भर में धूमधाम से मनी डोल ग्यारस, ग्रामीण क्षेत्रों में भी हुआ आयोजन।
श्योपुर : जलझूलनी एकादशी पर मंगलवार को शहर के सभी मंदिरों से विमानों में सवार होकर ठाकुर जी जल विहार को निकले। भगवान के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। देव विमानों का भव्य चल समारोह के बंजारा डैम पहुंचने पर देव विमानों की सामूहिक आरती की गई। जिसके बाद विमान जुलूस की वापसी का सिलसिला आधी रात तक चलता रहा।
श्योपुर के प्रसिद्ध फूलडोल मेले के मौके पर शहर में सुबह से ही चहल पहल बढऩे लगी थी। पुजारियान समिति एवं मंदिर प्रबंध समितियों की देखरेख में नगर के 45 मंदिरों में दोपहर को देव प्रतिमाओं का शृंगार हुआ। शाम चार बजे करीब मंदिरों से विमानों में सवार होकर ठकुराइन संग ठाकुर जी जल विहार को निकले। परंपरानुसार सभी विमान पहले टोड़ी गणेश बाजार पहुंचे। जहां से बैंडबाजों के साथ 45 विमानों का भव्य चल समारोह पुल दरवाजा होते हुए बंजारा डैम पहुंचा। इस दौरान लोगों ने सड़क के दोनों तरफ खड़े होकर तथा छतों पर चढ़कर समारोह देखा।
चल समारोह के बंजारा डैम पहुंचने पर परंपरानुसार भगवान को जल विहार कराया गया। जिसके बाद डैम के टीले पर क्रमबद्ध रूप से रखे विमानों की सामूहिक आरती उतारी गई। सोना-चांदी व लकड़ी के कलात्मक विमान में सवार होकर राजसी ठाठ-बाट से ठकुराइन के संग ठाकुरजी जल विहार को निकले तो दर्शन की झलक पाने के लिए श्रद्धालु आतुर हो गए। वापसी में सभी विमान क्रमबद्ध रूप से रात 12 बजे तक टोड़ी गणेश बाजार में विराजमान रहे। जहां आरती व दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। इसके बाद सभी विमान अपने-अपनेे मंदिरों पर पंहुचे।
हजारों लोगों की उमड़ी भीड़: डोलग्यारस पर विमान जुलूस को देखने के लिए क्षेत्रभर से करीब 50 गांवों से हजारों की तादाद में श्रद्धालु उमड़ पड़े। वहीं शहरवासियों ने भी विमान जुलूस में श्रद्धा और उल्लास के साथ भागीदारी की। पुलिस प्रशासन के अनुसार विमान जुलूस के दौरान 50 हजार लोगों की मौजूदगी का अनुमान है। दिन चढऩे के साथ ही ट्रैक्टर-ट्रालियों, जीप, दुपहिया वाहनों में सवार पुरुष-महिलाओं के आने का क्रम तेजी पकडऩे लगा। पुल दरवाजा क्षेत्र में विमान जुलूस के दौरान जहां तक नजरें जाती थी, जनसैलाब उमड़ता दिखाई दे रहा था। घरों की छतों पर भी भीड़ जमा थी।