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Saharsa : आरपीएफ ने ट्रेन से तीन बाल मजदूरों को मुक्त करा बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया

सहरसा : बाल श्रम व मानव व्यापार उन्मूलन विषय पर विभागीय प्रयास के बाबजूद इस क्षेत्र से मानव तस्करी का अंतहीन सिलसिला बदस्तूर जारी है।इस क्षेत्र के गरीब माँ-बाप अपने जिगर के टुकड़े को चंद पैसों की लालच में इन दलालों के हाथ सौंपने को मजबूर है।इसी क्रम में मंगलवार को मजदूरी कराने के लिए बंधक बनाकर पंजाब ले जा रहे तीन बच्चों को आरपीएफ की टीम ने जनसेवा एक्सप्रेस से जंक्शन पर मुक्त कराया।

मुक्त बच्चों की निशानदेही पर आरपीएफ की टीम ने आरोपित व्यक्तियों की समूचे जंक्शन पर तलाश की गई।परन्तु वह भागने में सफल हुआ।जबकि आरपीएफ टीम द्वारा तीनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के अधिकारियों को सूचना दी। बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी राज आनंद अपनी टीम के साथ स्टेशन पहुंचे। इसके बाद आरपीएफ में तीनों बच्चों को सुरक्षित बाल कल्याण समिति को सुरक्षित सुपुर्द कर दिया।ज्ञात हो कि पंजाब में इन दोनों धान कटनी शुरू हो चुकी है कोशी क्षेत्र से रोजाना हजारों की संख्याओं में मजदूरों का पलायन हो रहा है। ऐसे में बाल श्रम को रोकने के लिए इंस्पेक्टर वंदना कुमारी के नेतृत्व में एक टीम तैयार की गई है।जो लगातार दिल्ली पंजाब जाने वाली ट्रेनों में निगरानी की जा रही है।

मंगलवार को बनमनखी से सहरसा होकर अमृतसर जाने वाली जनसेवा एक्सप्रेस सहरसा जंक्शन निर्धारित समय पर पहुंची। इस दौरान आरपीएफ सब इंस्पेक्टर सुजीत कुमार मिश्रा हेड कांस्टेबल वीरेंद्र कुमार अपनी टीम के साथ जनसेवा एक्सप्रेस ट्रेन का निरीक्षण के क्रम में ट्रेन में बैठे तीन बच्चों पर नजर गई जो काफी डरे और सहमे हुए थे।पूछने पर तीनों ने बताया कि उनको गांव के कुछ लोग पैसे का प्रलोभन देकर बाल मजदूरी के लिए पंजाब ले जाया रहा है। इसके बाद बच्चों ने बताया कि वह लोग पास के ही डिब्बे में बैठे हैं।

इसके बाद तीनों बच्चों को जनसेवा एक्सप्रेस से नीचे उतारा गया।वही आरोपित को खोजने के लिए ट्रेन की सघन तलाशी की गई।आरोपित पुलिस के भय से घबरा कर नौ दू ग्यारह हो गया। तीनों बच्चों की पहचान रामविलास ऋषि देव के पुत्र 16 वर्षीय कुंदन कुमार,12 वर्षीय सौरभ और छेदी सदा के पुत्र 13 वर्षीय राजकुमार रूप में हुई है।

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